लखनऊ। यूपी विधानसभा (UP Assembly) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) में समाजवादी पार्टी के विधायक डॉ. संग्राम यादव (Samajwadi Party MLA Dr. Sangram Yadav) ने सवाल पूछा कि क्या मुख्यमंत्री बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश में जातीय जनगणना (Caste Census) कराए जाने पर सरकार कब विचार करेगी, यदि नहीं तो क्यों? बता दें कि इससे पहले विधान परिषद (Legislative Assembly) में एक दिन पहले इसी मुद्दे पर सपा और भाजपा ( BJP) के बीच बहस हो चुकी है।
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अनुपूरक सवाल के तौर पर उन्होंने पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर 75 फीसदी आरक्षण देने पर सरकार विचार करेगी। इस प्रश्न के जवाब में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि डॉ राम मनोहर लोहिया जाति जोड़ने की बात करते थे। डॉ. भीमराव अंबेडकर भी समता मूलक समाज की स्थापना की बात करते थे। उन्होंने कहा कि जहां तक जातीय जनगणना (Caste Census) का सवाल है तो यह केंद्र सरकार का विषय है और संविधान की व्यवस्था को तोड़कर राज्य सरकार अपने स्तर से किसी तरह की जनगणना नहीं कर सकती। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायकों ने सरकार के जवाब से नाखुश होकर नारेबाजी शुरू कर दी है। इसके विरोध में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अनेक सदस्य वॉकआउट कर गए हैं।
2024 में विपक्ष मुद्दों से विहीन : डिप्टी सीएम केशव मौर्य
जातीय जनगणना (Caste Census) के मुद्दे पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Deputy CM Keshav Prasad Maurya) ने कहा कि सपा को अब पिछड़ों की याद आ रही है। जब सत्ता से बेदखल हो गई। 2017 का चुनाव हारे, 2019 का चुनाव हारे, 2022 का चुनाव हारे, 2024 हारने जा रहे है। जाति के नाम पर सत्ता में रहते हुए न्याय नहीं किया। अब जाति जनगणना (Caste Census) की बात कर रहे हैं। सपा ने अपनी जाति के लोगों के अधिकारों का हनन किया है। आज विकास की गंगा बह रही है, गरीब कल्याण की योजनाएं तेजी से आ रही है। जब 80 की 80 सीटों पर बीजेपी जीतेगी तब इनका हाजमा ठीक होगा।
उन्होंने कहा कि सपा दलित विरोधी, गरीब विरोधी, पिछड़ा विरोधी है। सपा माफिया और गुंडों की समर्थक है। जनगणना कराना सरकार का काम है। जातीय जनगणना (Caste Census) का निर्णय केंद्र सरकार का होता है। 2024 में विपक्ष मुद्दों से विहीन है इसलिए इस तरीके के मुद्दे उठा रहे हैं। हम अयोध्या, मथुरा, काशी, विंध्याचल सभी को विकास के लिए ध्यान दे रहे हैं। प्रयागराज कुंभ के लिए भी हम तैयारी कर रहे हैं। धार्मिक स्थलों का विकास इनको पच नहीं रहा है। वहीं, कांग्रेस की विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना (Congress Legislature Party leader Aradhana Mishra Mona) ने इन्वेस्टर समिट को लेकर सवाल पूछा कि सरकार यह जानकारी दें कि इन्वेस्टर समिट के आयोजन पर कितना खर्च हुआ और कितना निवेश आया और कितना निवेश जमीन पर उतर गया, किस जिले में कितना निवेश हुआ है?
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शराब खरीद में आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सवाल
इससे पहले समाजवादी पार्टी के विधायक स्वामी ओम देव (Samajwadi Party MLA Swami Om Dev) ने पूछा था कि क्या आबकारी मंत्री बताने की कृपा करेंगे कि प्रदेश में युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति की रोकथाम की दृष्टिगत शराब की दुकानों में शराब खरीदने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने पर सरकार विचार करेगी। स्वामी ओम देव ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने शराब खरीद के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता को विधि सम्मत नहीं बताया है। उन्होंने इस नियम को समाज के लिए जरूरी बताया।
इस पर आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल (Excise Minister Nitin Agarwal) ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार के समय में आबकारी नीति शराब माफिया मंत्रियों के साथ बैठकर बनाते थे। उन्होंने बताया कि 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की दोबारा सरकार बनने के बाद एक भी मौत जहरीली शराब से उत्तर प्रदेश में नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि शराब माफिया की 100 फीसदी कमर तोड़ने का काम उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार ने किया है। उन्होंने बताया कि हमारे अधिनियम में तय है कि 21 वर्ष से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को शराब नहीं बेची जा सकती और जो भी इसका उल्लंघन करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी मगर आधार कार्ड का उपयोग केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है। शराब की बिक्री में आधार का उपयोग नहीं किया जा सकता है।
अखिलेश यादव ने उठाया किसानों की आय का मुद्दा
वहीं, सत्र की शुरुआत में किसानों की आय का मुद्दा जोरशोर से उठाया गया। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक अखिलेश ने किसानों की आय दोगुना करने से संबंधित सवाल पूछा है। इस पर चर्चा करते हुए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) विधायक दल के मुख्य सचेतक मनोज पांडेय (Legislative Party Chief Whip Manoj Pandey) ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कृषि आय दोगुनी नहीं हुई है। लगातार विभिन्न मदों में किसानों की आय घट रही है। सवाल यह है कि किसान फायदे में है या घाटे में है। उन्होंने अलग-अलग आंकड़े प्रस्तुत किए हैं जिसके मुताबिक किसानों की आय लगातार उत्तर प्रदेश में घट रही है। इसके अलावा किसानों की फसलों को बेसहारा पशुओं के जरिए होने वाले नुकसान का सवाल भी मनोज पांडेय पूछा। इस सवाल को लेकर सदन में बहस जारी है। इस मुद्दे को लेकर कृषि मंत्री शाही ने आंकड़े रखे तो सपाइयों ने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सपा विधायक सदन से वॉकआउट कर गए।
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कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही (Agriculture Minister Surya Pratap Shahi) मनोज पांडेय के सवालों का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने पिछले साढ़े साल के आंकड़े प्रस्तुत करने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने बताया है कि जब समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार थी तब उत्तर प्रदेश में किसानों का बुरा हाल था। इसके बाद हम लगातार किसानों की आय में बढ़ोतरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपकी सरकार के समय में गेहूं की कीमत 1450 रुपए प्रति कुंतल थी मोदी और योगी सरकार आने के बाद 2275 रुपए प्रति कुंटल में गेहूं खरीद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में हजारों की संख्या में क्रय केंद्र बनाए गए हैं, जहां किसानों की फसल खरीदी जा रही है और हजारों करोड़ों रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पहले 14000 करोड़ रुपए का गन्ना मूल्य भुगतान होता था जो कि अब 36000 करोड़ का हो रहा है। उत्पादन भी बढ़ा है और किसानों का लाभ भी लगातार बढ़ रहा है। किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) को बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि बाजरे और ज्वार का उत्पादन जो कि शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के इलाके में भी होता है क्या इसकी खरीद कभी आप लोगों ने अपनी सरकार के समय में की थी। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की सरकार ने बाजरे और ज्वार की भी खरीद की है।
सपा विधायकों का हंगामा, कई विधायकों का वॉकआउट
इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक हंगामा कर रहे हैं। विधानसभा के सभापति सतीश महाना (Assembly Speaker Satish Mahana) सभी को यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि जो सवाल पूछा गया था उसका सवाल दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सभी प्रश्नों का उत्तर दिया जा चुका है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के विधायक लगातार हंगामा कर रहे हैं। मनोज पांडेय कृषि मंत्री के जवाब से खुश नहीं है। नाराज होकर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कुछ विधायकों ने वॉक आउट कर दिया है।