Sundarkand Path: सनातन धर्म में मन वुद्धि को सकारात्मक बनाए रखने के लिए कई चमत्कारिक उपाय बताएं गए है। इन्हीं उपायों में एक सर्वसुलभ उपाय है, तुलसी कृत महाकाव्य श्रीरामचरितमानस का पंचम सोपान है सुंदरकाण्ड। सुंदरकाण्ड में रामदूत पवनपुत्र हनुमान की महिमा का गुणगान किया गया है। संतों ,महात्माओं के अनुसार सुंदरकांड का पाठ सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है।
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सुंदरकाण्ड को मन की सभी इच्छा की पूर्ती के लिए बहुत कारगर उपायों में से एक महा उपाय बताया गया है। ज्योतिष शास़्त्र के अनुसार, सुंदरकाण्ड के पाठ से सुंदरकांड के पाठ से भूत, पिशाच, यमराज, शनि राहु, केतु, ग्रह,नक्षत्र आदि सभी का भय दूर हो जाता है। सुंदरकांड का पाठ करने से प्रभु श्रीराम और श्री हनुमान की कृपा एक साथ पड़ती है। श्रीरामचरितमानस के इस अध्याय की महिमा अपरंपार है। रोग,दोष हो या ग्रह क्लेश मंगल दोष हो या फिर कर्ज से मुक्ति का आपको चाहिए समाधान विपदा कैसी भी हो सुंदरकांड के पाठ से सब कुछ संभव हो जाती है।
मान्यता के अनुसार,सुंदरकांड करने वाले व्यक्ति के अंदर सकारात्मक और विचारात्मक ऊर्जा का संचार होने लगता है। वह व्यक्ति किसी भी कार्य में अपनी रुचि दिखाता है तो उसमें सकारात्मक परिणाम मिलते हैं। मंगलवार के दिन सुंदरकांड का पाठ करना बहुत ही शुभ और लाभकारी माना जाता है।
सुंदरकांड पाठ करने के नियम
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1.हनुमत पूजा के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
2.पाठ करने से पहले इस बात का जरूर ध्यान रखें कि तन और मन से शुद्ध होकर हनुमान जी की प्रतिमा या फोटो के सामने विधि-विधान से पूजा करें और फिर सुंदरकांड का पाठ करें।
3.पाठ करने से पहले चौकी पर हनुमानजी की फोटो अथवा मूर्ति रखें। घी का दीया जलाएं।
4.भोग के लिए फल, गुड़-चना, लड्डू या कोई भी मिष्ठान अर्पित करें।