नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से देश में चुनाव के दौरान मुफ्त की चीजें बांटने का वादा करने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता रद्द करने की मांग की गई है। इस पर शीर्ष कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह वित्त आयोग (Finance Commission) से पता लगाए कि पहले से कर्ज में डूबे राज्य में मुफ्त की योजनाओं का अमल रोका जा सकता है या नहीं?
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मुफ्त के चुनावी वादों के खिलाफ दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब मांगने के साथ कोर्ट ने 3 अगस्त को आगे सुनवाई तय की है।