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हेमंत सोरेन को जमानत देने के हाईकोर्ट के फैसले में दखल से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, ED की याचिका खारिज

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand Chief Minister Hemant Soren) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को बड़ी राहत दी है। बता दें कि ईडी (ED) ने सोरेन को झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) की तरफ से दी गई जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया था। इसी मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से इनकार करते हुए ईडी (ED) की याचिका को खारिज कर दिया है।

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झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने इस मामले में 31 जनवरी को ईडी (ED) की गिरफ्तारी से कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हाईकोर्ट ने 28 जून को सोरेन को जमानत दी थी। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद सोरेन ने 4 जुलाई को फिर से सीएम पद की शपथ ली। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी (ED) के वकील ने दलील दी थी कि अगर सोरेन को जमानत पर रिहा किया गया तो वह इसी तरह का अपराध कर सकते हैं और उन्होंने एससी/एसटी पुलिस थाने (SC/ST Police Stations) में ईडी (ED) अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों का हवाला दिया था।

जानें क्या है पूरा मामला?

सोरेन के खिलाफ जांच रांची में 8.86 एकड़ जमीन से जुड़ी है। ईडी (ED)  का आरोप है कि इसे अवैध रूप से कब्जे में लिया गया था। एजेंसी ने सोरेन, प्रसाद और सोरेन के कथित ‘फ्रंटमैन’ राज कुमार पाहन और हिलारियास कच्छप तथा पूर्व मुख्यमंत्री के कथित सहयोगी बिनोद सिंह के खिलाफ 30 मार्च को यहां विशेष पीएमएलए अदालत (Special PMLA Court) में आरोपपत्र दायर किया था। सोरेन ने रांची की एक विशेष अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने यह आरोप लगाया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित और उन्हें भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर करने की एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी।

ईडी (ED) ने रांची में स्थित जमीन भी कुर्क की है और अदालत से भूखंड जब्त करने का अनुरोध किया है। मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की जांच झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) की ओर से राज्य सरकार के अधिकारियों सहित कई लोगों के खिलाफ भूमि घोटाले के मामलों में दर्ज कई एफआईआर से संबंधित है। मामले में मुख्य आरोपी प्रसाद है, जो सरकारी रिकॉर्ड का संरक्षक था। ईडी (ED) ने एक बयान में कहा था कि उन पर आरोप है कि उन्होंने सोरेन समेत कई लोगों को भू-संपत्तियों के रूप में अवैध कब्जे, अधिग्रहण और अपराध से प्राप्त धन रखने से जुड़ी गतिविधियों में सहायता करके अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया। ईडी (ED) ने दावा किया था कि झारखंड में भू-माफिया का एक रैकेट सक्रिय है जो रांची में जमीन के रिकॉर्ड में फर्जीवाड़ा करता है।

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