surya rashi parivartan 2022: जीवन में ऊर्जा का संचार करने वाले भगवान भाष्कर जीव जगत में प्रकाश और ऊर्जा के स्रोत है। नव ग्रहों में सूर्य देव को राजा कहा जाता है। व्यक्ति की कुडली में सूर्य जीवन में सम्मान, सफलता, उन्नति, पिता के साथ संबंध और उच्च पद आदि की संभावनाएं प्रकट करता है। सूर्य देव की पूजा और उपासना का भी विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान भाष्कर को सुबह जल चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। सूर्य का राशि परिवर्तन 15 मई को होना है। इस दिन सूर्य का मेष राशि से वृष राशि में गोचर होगा। सूर्य के वृष राशि में प्रवेश करने की घटना वृष संक्रांति कहलाती है। 15 मई से 15 जून तक सूर्य वृष राशि में ही विद्यमान रहेंगे।
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वृषभ राशि में बुद्धि के देवता बुध पहले ही प्रवेश कर चुके हैं। अब 15 मई को सूर्य देव भी इस राशि में प्रवेश करने जा रहे हैं। ज्योतिष अनुसार जब भी बुध और सूर्य की किसी राशि में युति होती है तब बुधादित्य योग का निर्माण होता है।
ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों में प्रथम ग्रह और पिता के भाव कर्म का स्वामी माना गया है। जीवन से जुड़े तमाम दुखों और रोगों को दूर करने के लिए सूर्य की पूजा की जाती है।ऐसी मान्यता है कि जिसके उपर सूर्य की कृपा होती है, तो उसके सभी बिगड़े हुए काम जल्दी पूरे होने लगते हैं। हर काम में सफलता मिलती है और यश भी होता है।