नई दिल्ली। भूजल दोहन से आने वाले दिनों में बढ़ी परेशनियों का सामना करना पड़ सकता है। दुनिया की 19 फीसदी आबादी पर इसका असर पड़ेगा। हाल में हुए एक शोध में दावा किया गया है कि भूजल दोहन के कारण 63.5 करोड़ लोगों की परेशानी बढ़ेगी। इसके साथ ही कहा गया है कि बढ़ते भूजल दोहन की वजह से धरती की सतह धंसने लगी है, जो बेहद ही चिंताजनक विषय है।
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साइंस जर्नल में छपे इस शोध के मुताबिक जमीन के नीचे मिलने वाले पानी के दोहन के चलते 2040 तक दुनिया की 19 फीसदी आबादी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसमें भारत, चीन, ईरान और इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं। वहीं, ये भी दावा किया गया है कि इसके चलते दुनिया की 21 प्रतिशत जीडीपी पर भी इसका असर पड़ेगा।
अनुमान लगाया जा रहा है कि, जिस तरह से कृषि पर दबाव बढ़ रहा है और इंसान अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए तेजी से भूजल का दोहन कर रहा है, उसका असर धरती की सतह पर पड़ रहा है। शोध में दावा किया गया है कि इसका सबसे ज्यादा असर एशिया में देखने को मिलेगा।
साथ ही, इससे करीब 7 करोड़ 14 लाख रुपये का नुकसान होगा। शोध के अनुसार दुनिया के 34 देशों में 200 से ज्यादा जगह पर भूजल के अनियंत्रित दोहन के कारण जमीन धंसने के सबूत मिले हैं। प्रमुख शोधकर्ता जी एच गार्सिया के अनुसार सिंचाई के लिए भूजल पर ज्यादा दबाव पड़ रहा है।