Tazeen Fatima jeevan parichay : यूपी (UP) की निर्वाचन क्षेत्र – 37, रामपुर सदर विधानसभा सीट (Constituency – 37, Rampur Sadar Assembly seat) हमेशा से चर्चाओं में रही है। इस सीट पर एक रिकॉर्ड है कि वर्ष 1952 के बाद से सिर्फ मुस्लिम उम्मीदवार ही विधायक बना है। रामपुर सपा सांसद आजम खान (Rampur SP MP Azam Khan) का गढ़ कहा जाता है। आजम खान यहां से नौ बार विधायक चुने जा चुके हैं।
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वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर की जनता ने उन्हें चुनकर लोकसभा भेजा है। जिसके बाद रामपुर सदर विधानसभा सीट (Rampur Sadar Assembly seat)खाली हो गई। जिस पर समाजवादी पार्टी ने आजम खान (Azam Khan) की पत्नी व राज्यसभा सांसद तज़ीन फ़ातमा (Rajya Sabha MP Tazeen Fatma) को मैदान में उतारा। अक्टूबर 2019 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने आजम खान की पत्नी व राज्यसभा सांसद तज़ीन फ़ातमा उतारा। इसके बाद तज़ीन फ़ातमा ने पार्टी के उम्मीदों पर खरा उतरते हुए भाजपा के प्रत्याशी भारत भूषण (BJP candidate Bharat Bhushan) हराकर उत्तर प्रदेश की 17वीं विधान सभा (17th Legislative Assembly of Uttar Pradesh) में पहली बार विधायक निर्वाचित हुई हैं।
ये है पूरा सफरनामा
नाम-डॉ. तज़ीन फ़ातमा
निर्वाचन क्षेत्र – 37, रामपुर सदर विधानसभा
दल – समाजवादी पार्टी |
जन्म तिथि –10 मार्च, 1949
जन्म स्थान- बिलग्राम, हरदोई
धर्म- इस्लाम
जाति- मुस्लिम
शिक्षा- स्नातकोत्तर, एम.फिल, पीएचडी
विवाह तिथि- 17 मई, 1981
पति का नाम- मो. आजम खान
सन्तान- दो पुत्र
व्यवसाय- कृषि, अध्यापन
मुख्यावास- घेर मीर बाज खां, मस्जिद-ए-रब्बी, जेल रोड, जनपद-रामपुर
जीवन शैली और शिक्षा
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यूपी के हरदोई के बिलग्राम से तज़ीन फ़ातमा का गहरा रिश्ता है। तज़ीन फ़ातमा का 10 मार्च 1949 को तज़ीन फ़ातमा का बिलग्राम में जन्म हुआ था। अच्छी पढ़ाई लिखाई की। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से डॉ.तजीन फातिमा ने एमए, एमफिल, पीएचडी की डिग्रियां हासिल की। उसके बाद शिक्षण कार्य को अपना पेशा बन लिया। वह शिक्षा विभाग में राजनीति शास्त्र की प्रोफेसर बनीं।
राजनीति की प्रयोगशाला में उतरी तो वहां भी गाड़ा झंडा
लम्बे से तक शिक्षण कार्य करने के बाद अचानक अपने पति व समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के कहने पर राजनीति शास्त्र की इस प्रोफेसर ने अपने पढ़ाई के अनुभव का प्रेक्टिकल शुरू कर दिया। राजनीति की प्रयोगशाला उनके घर में थी और बड़े टीचर आजम खान घर में ही थे। वर्ष 2014 में काफी नानुकुर के बाद तंजीम फातिमा समाजवादी पार्टी के टिकट पर राज्यसभा की सांसद चुनी गईं। जनवरी 2015 में, उन्हें सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण की एक समिति के सदस्य के लिए नामित किया गया। सांसद बनने के बाद मुश्किलें बढ़ने लगी। अक्टूबर 2019 में हुए उपचुनाव में तज़ीन फ़ातमा समाजवादी पार्टी की विधायक बन गई। मुसीबतों ने अपनी झोली खोल दी, और अपने पति और बेटे की वजह वजह से सीतापुर की जेल में पहुंच गईं।
करीब 10 महीने डॉ. तज़ीन फ़ातमा काट चुकी हैं जेल की सजा
करीब 10 महीने से जिला जेल में बंद समाजवादी पार्टी (SP) की विधायक और वरिष्ठ नेता आजम खान (Azam Khan) की पत्नी तज़ीन फ़ातमा (Tazeen Fatma) को अदालत के आदेश पर 21 दिसंबर 2020 शाम रिहा कर दिया गया। तज़ीन फ़ातमा को उनके खिलाफ दर्ज मामलों में जमानत मिल गई है, जबकि उनके पति आजम खान और बेटा अब्दुल्ला अभी भी जेल में हैं।
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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता और सांसद आजम खान पर पिछले दिनों करीब 80 मुकदमे दर्ज किये गए हैं। जिनमें किसानों की जमीन जबर्दस्ती हथियाने से लेकर किताबें चुराने, मारपीट करने, बकरी और भैंस चुराने तक के मुकदमे दर्ज हैं। इन्हीं में से एक मुकदमे ने आजम, पत्नी तज़ीन फ़ातमा और स्वार विधानसभा सीट से विधायक रहे बेटे अब्दुल्ला को जेल पहुंचा दिया। मामला था बेटे अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप है। जिसके खिलाफ भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने चार जनवरी 2019 को रामपुर जिले की गंज कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था।