वाराणसी। श्रावण मास के प्रथम सोमवार पर श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग (Shri Kashi Vishwanath Jyotirlinga) में आज प्रातः सप्तऋषि आरती का दिव्य और अलौकिक आयोजन सम्पन्न हुआ। बाबा विश्वनाथ के दरबार में श्रद्धा, भक्ति और आस्था का समुंदर उमड़ पड़ा, जब श्रद्धालुओं ने साक्षात सप्तऋषियों के स्वरूप में आरती का दर्शन किया।
पढ़ें :- भारत ने द. अफ्रीका को नौ विकेट से हराकर जीती सीरीज, यशस्वी ने जमाया शतक, कोहली-रोहित का पचासा
सोमवासरीय रूद्राभिषेक
साथ ही श्री काशी विश्वनाथ धाम (Shri Kashi Vishwanath Dham) में धार्मिक उल्लास और आस्था के वातावरण में विशेष सोमवासरीय रूद्राभिषेक का आयोजन किया गया। यह आयोजन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा संकल्पित परंपरा के अंतर्गत हुआ, जिसमें प्रत्येक सोमवार को संकल्प पाठ संग रूद्राभिषेक किया जाता है। आज के दिव्य आयोजन में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास की ओर से मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने प्रतिनिधित्व करते हुए श्री अविमुक्तेश्वर महादेव का विशेष उद्देश्य के साथ संकल्प पाठ व रुद्राभिषेक किया।
विश्वनाथ धाम शिवमय हो उठा
धूप, दीप, नैवेद्य और शंखनाद के साथ जब आरती प्रारंभ हुई, तो सम्पूर्ण विश्वनाथ धाम शिवमय हो उठा। सप्त ऋषियों की परंपरा अनुसार होने वाली यह आरती केवल विशेष पर्वों एवं सावन जैसे पवित्र मास में ही आयोजित होती है, जो शिव भक्तों के लिए परम दुर्लभ और पुण्यकारी मानी जाती है।
पढ़ें :- Indigo Crisis : राहुल गांधी की बातों पर सरकार ने गौर किया होता तो हवाई यात्रा करने वालों को इतनी तकलीफें न उठानी पड़ती
भक्तों की लगी लंबी कतार
भक्तों की लंबी कतारों और “हर हर महादेव” के जयघोष के बीच काशी नगरी का हर कोना आज शिवभक्ति में डूबा रहा। बाबा के जलाभिषेक, पुष्पांजलि और रुद्राभिषेक के बाद हुई यह सप्तऋषि आरती, श्रद्धालुओं के लिए आत्मिक शांति और अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव लेकर आई।