लखनऊ। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने मंगलवार को ट्वीट कर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government)पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में स्पर्श-दर्शन के लिए शुल्क की बात उठना भी धार्मिक आस्थाओं पर गहरी चोट है। काशी निवासी व विश्व भर के बाबा विश्वनाथ के भक्त इस समाचार से बेहद आहत हैं। यादव ने कहा कि धर्म का व्यावसायीकरण करने वाली धन पिपासु भाजपा सरकार (BJP Government)कल को ‘गंगा जी’ के स्पर्श का भी शुल्क लगा सकती है।
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श्री काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Temple) में बाबा के स्पर्श दर्शन पर शुल्क को लेकर मंदिर न्यास परिषद की अगली बैठक में फैसला हो सकता है। यह जानकारी मन्दिर न्यास के अध्यक्ष नागेंद्र पांडेय दी। उन्होंने मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि मंदिर में भीड़ को देखते हुए उज्जैन के महाकाल मंदिर के तर्ज पर काशी विश्वनाथ में भी स्पर्श दर्शन पर शुल्क लगाया जा सकता है। इस पर अगली बैठक में विद्वान चर्चा कर फाइनल मुहर लगाएंगे।
यदि स्पर्श दर्शन पर शुल्क लगाया जाता है। तो गर्भगृह में होने वाले भीड़ को नियंत्रित किया का सकता है। जिससे भक्त आसानी से बाबा का स्पर्श दर्शन कर सकते हैं। इससे इतर एक समस्या ये भी है कि इस फैसले से बाबा के आम भक्तों को भी परेशानी हो सकती है। इन दोनों पर विचार के बाद अगली बैठक में स्पर्श दर्शन पर शुल्क लगेगा या नहीं ये तय हो जायेगा।
संत समिति ने जताई आपत्ति
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वहीं दूसरी तरफ बाबा के स्पर्श दर्शन पर शुल्क लगाए जाने के चर्चा के बीच अखिल भारतीय संत समिति भी इसको लेकर विरोध कर रही है। संत समिति के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने ऐसा सोचने वालो को महापापी बताया है। उसके अलावा उन्होंने कहा है कि यदि ऐसी कोई भी व्यवस्था लागू होती है, तो संत समिति उसका कड़ा विरोध करेगी।
वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कहा कि स्पर्श दर्शन पर फिलहाल कोई शुल्क नहीं लगाया गया
इन सब से इतर वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने कहा कि स्पर्श दर्शन पर फिलहाल कोई शुल्क नहीं लगाया गया है और न ही इसपर फाइनल फैसला हुआ है।