कानपुर। कन्नौज सदर से विधायक चुने गये भारतीय जनता पार्टी के विधायक असीम अरुण कभी कानपुर के कमिश्नर हुआ करते थे। कमिश्नर रहते समय उन्होंने एक बुजुर्ग की अपने बेटों के साथ चल रहे विवाद के मामले में उनकी काफी मदद की थी। आज वो बुजुर्ग एक बार फिर परिवार में उत्पन्न हुए विवाद के मामले को लेकर के हड़ताल पर बैठ गये हैं। उनका आरोप है कि बेटे उनका मकान बेचकर उन्हें बेघर कर देना चाहते हैं।
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फिलहाल एसीएम ने बुजुर्ग रामबाबू को कार्रवाई का भरोसा दिलाकर उनकी भूख हड़ताल खत्म करा दी है। दरअसल, चकेरी निवासी 80 वर्ष के रामबाबू गुप्ता ने 1962 में एयरफोर्स क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर के पद पर ज्वाइन किया था। सन 2002 में वह रिटायर हो गए। उनके शफीपुर और परदेवनपुरवा में दो बड़े मकान हैं लेकिन बेटों ने उन्हें सड़क पर ला दिया। उनका आरोप है कि परदेवनपुरवा वाले मकान को उनका व्यापारी नेता पुत्र और छोटा पुत्र बेचने पर आमादा हैं।
रामबाबू ने बताया कि पिछले साल 20 जून को दोनों बेटों ने घर पर ताला लगाकर बाहर कर दिया था। उन्होंने तत्कालीन पुलिस कमिश्नर असीम अरुण से शिकायत की। एसीपी अनवरगंज अकमल खां और इंस्पेक्टर चकेरी मौके पर गए और व्यापारी नेता पुत्र को चेतावनी देने के साथ छोटे बेटे को थाने में बैठा लिया था। घर का ताला खोलकर रामबाबू को सुरक्षा का भरोसा दिया।