नई दिल्ली। एक ऐसी समस्या जिसका सामना भारत की क्रिकेट टीम पिछले कई वर्षों से कर रही है। वो समस्या हाल ही में अफ्रीका के दौरे में भी टीम इंडिया के प्लान में दिखी। 2019 के वनडे क्रिकेट विश्वकप(Cricket World Cup) के टूर्नामेंट में भारत की टीम को मध्यक्रम के बल्लेबाजों की नाकामी की वजह से सेमीफाइनल में हार मिली थी। शीर्ष के टॉप तीन बल्लेबाजों के आउट होते ही टीम इंडिया का बल्लेबाजी क्रम बिखर गया था।
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ठीक वैसे ही अफ्रीका में भी भारतीय टीम का मध्यक्रम का बल्लेबाजी क्रम टीम को धोखा दे गया। जिस कारण टेस्ट सीरीज के बाद भारत(Indian Team) की टीम को तीन वनडे मैचों की सीरीज 3—0 से हारना पड़ा। इस साल टी20 विश्वकप और अगले साल वनडे क्रिकेट का विश्वकप होना है। ऐसे में अगर इस समस्या का कोई स्थायी सामाधान नहीं निकलता तो टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ जायेगा।
ऐसे में टीम के मध्य क्रम को दुरुस्त करना होगा और आपको ये बात भी जाननी चाहिए कि आपके पास अगर कोई हार्दिक पांड्या(Hardik Pandya) जैसा ऑलराउंडर नहीं है तो आप खोजना बंद कर दीजिए, जो आपके पास है (दीपक चाहर और शार्दुल ठाकुर) उनके साथ आगे बढ़ना चाहिए। वेंकटेश अय्यर के साथ इस सीरीज में यही हुआ। हालांकि, उनसे पहले मैच में गेंदबाजी भी नहीं कराई गई। टीम इंडिया के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि मध्य क्रम के कारण इस सीरीज में भारत को हार का सामना करना पड़ा।