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यूपी पंचायत चुनावों के नतीजे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए दिशा सूचक : अखिलेश यादव

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी के पंचायत चुनावों में पार्टी को मिली सफलता पर उम्मीदवारों को बधाई दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए विजय उत्सव मनाने के बजाए कार्यकर्ता अपने स्तर से जनता की सेवा में लग लगने की अपील की है।

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श्री यादव ने कहा कि पंचायत चुनावों मतदाताओं की प्रथम वरीयता समाजवादी पार्टी रही है। बड़ी तादात में पार्टी प्रत्याशियाें की जीत से साफ संकेत है कि किसानों, नौजवानों और गाँव तक में उसकी स्वीकारिता है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी जनता की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है। जनता ने सपा को जीत दिलाकर लोकतंत्र को बचने का भी सराहनीय कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा झूठे वादे करने के अपने स्वभाव के अनुसार पंचायत चुनावों में भी बाज नहीं आई। यह हकीकत है कि गांवों में अपनी ही तीसरे इंजन वाली सरकार बनाने का उसका सपना बुरी तरह चकनाचूर हुआ है। इस चुनाव में मुख्यमंत्री के गृह जिले समेत प्रदेश के अनेक जिलो में भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज के अलावा आजमगढ़ से लेकर इटावा तक भाजपा की कोई चाल काम नहीं आई और तो और राज्य की राजधानी, लखनऊ में जनता ने भाजपा को नकार दिया है। लखनऊ में भी समाजवादी पार्टी को भारी सफलता मिली है। राज्य की जनता बधाई की पात्र है कि उन्होंने समाजवादी पार्टी पर अपना भरोसा व्यक्त किया है।

सपा प्रमुख ने कहा कि पंचायत चुनावों में मतदाताओं ने सत्ता के दुरुपयोग और वोटों की हेराफेरी के भी भाजपा को हार मिली है। चार साल के भाजपा राज में जनता को धोखा ही मिला है। समाजवादी सरकार ने विकास के जो काम बढ़ाए थे, भाजपा ने द्वेषवश उन्हें बाधित करने का काम किया। गतवर्ष से कोरोना का संक्रमण जारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने न तो समुचित इलाज की व्यवस्था की और न ही पलायन के शिकार श्रमिकों के रोजी रोटी की व्यवस्था की। प्रदेश बेकारी, व्यापारबंदी और शैक्षिक-स्वस्थ्य संबंधी दुर्व्यवस्थाओं से ग्रस्त है।

श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल है। पंचायत चुनावों के नतीजों ने भाजपा की नाव डूबने के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं। मंत्रियों, सांसदों, विधायकों तक को पूरे राज्य में तैनात कर भाजपा ने जीत की साजिशें रची थी लेकिन जनता उसकी धौंस में नहीं आई, उसने भाजपा को करारा जवाब दिया है। भाजपा की नफरत और समाज को बांटने वाली रणनीति पश्चिम बंगाल के चुनावों में बुरी तरह हार मिली। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के पंचायती चुनावों के नतीजों से जो संदेश मिल रहा है वह 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी दिशा सूचक साबित होगी।

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