नई दिल्ली। Winter Session of Parliament : संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) के पहले दिन कांग्रेस (Congress) और तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 राज्यसभा सदस्यों को वर्तमान सत्र के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया है। इससे आग बबूला विपक्ष का कहना है कि 12 राज्यसभा सांसदों का निलंबन (Suspension of 12 Rajya Sabha MPs) नियमों के खिलाफ है, क्योंकि नियम 256 के मुताबिक, सदस्य को सत्र के बाकी बचे समय के लिए निलंबित किया जाता है। जबकि मॉनसून सत्र( monsoonSession) 11 अगस्त को ही समाप्त हो चुका है। ऐसे में इस सत्र में सदस्यों का निलंबन किया जाना पूरी तरह से अनुचित है।
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कपिल सिब्बल बोले- मोदी सरकार चाहती है कि सदन न चले
तो वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Senior Congress leader Kapil Sibal) ने कहा कि मोदी सरकार (Modi government) की केवल ये मानसिकता है कि विपक्ष के ऊपर किसी तरह से वार करो। उन्होंने कहा कि इनको मालूम है कि अगर वो इस तरह निलंबित करेंगे तो निश्चित रूप से विपक्ष इसका विरोध करेगी। इसके बाद फिर सदन नहीं चलेगा और वह यही चाहते हैं कि सदन न चले।
12 निलंबित राज्यसभा सांसदों में से एक कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा (Ripun Bora) ने कहा कि यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और संविधान की हत्या है। हमें सुनवाई का मौका ही नहीं दिया गया है। रिपुन बोरा (Ripun Bora) ने कहा कि यह एकतरफा, पक्षपाती, प्रतिशोधी फैसला है। इसके लिए विपक्षी दलों से सलाह तक नहीं ली गई। हां, हमने पिछले सत्र में विरोध किया था। हमने किसानों, गरीब लोगों के लिए विरोध किया था और सांसदों के रूप में यह हमारा कर्तव्य भी है कि हम उत्पीड़ित, वंचितों की आवाज उठाएं। हम संसद में आवाज नहीं उठाएंगे तो कहां उठाएंगे?
विपक्षी दलों की बैठक कल
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विपक्षी पार्टियों ने राज्यसभा में इस फैसले के विरोध में जॉइंट स्टेटमेंट जारी कर कहा कि विपक्षी दलों के नेता एकजुट होकर 12 सांसदों के अनुचित और अलोकतांत्रिक निलंबन की निंदा करते हैं। राज्यसभा के विपक्षी दलों के नेता की कल बैठक होगी, जिसमें सरकार के सत्तावादी निर्णय का विरोध करने और संसदीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए भविष्य की कार्रवाई पर विचार-विमर्श किया जाएगा।