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WWW के बिना अधूरी रह जाती इंटरनेट की दुनिया; जानिए इसकी नींव रखने वाले Tim Berners-Lee के बारे में

By Abhimanyu 
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Tim Berners-Lee’s Birthday: आज इंटरनेट पूरी दुनिया की जरूरत बन चुका है, इस पर ही लोगों के लगभग सभी काम निर्भर हो चुके हैं। लेकिन वेब के बिना इंटरनेट की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जिसकी नींव ब्रिटिश वैज्ञानिक ने रखती थी। जिनका जन्म आज के ही दिन यानी 8 जून को 1955 में हुआ था। इस लेख में आपको वेब की शुरुआत करने वाले टिम बर्नर्स-ली (Tim Berners-Lee) के बारे में बताने वाले हैं।

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बेव (WWW) की नींव रखने वाले ब्रिटिश कंप्यूटर वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली (Tim Berners-Lee) 69 साल के हो चुके हैं, उनका जन्म 8 जून 1955 को लंदन में हुआ था। टिम ने अपनी उच्च शिक्षा क्वींस कॉलेज, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी (Oxford University) से पूरी की। यूनिवर्सिटी में उन्हें अपने मित्र के साथ हैकिंग करते हुऐ पकड़ लिया गया था। इसलिये उन्हें यूनिवर्सिटी कंप्यूटर का प्रयोग करने से मना कर दिया गया। साल 1976 में, उन्होने यूनिवर्सिटी से भौतिक शास्त्र में डिग्री प्राप्त की। इसके बाद टिम 1984 में यूरोपियन देशों की नाभकीय प्रयोगशाला CERN में फेलो के रूप में काम करने लग गये।

ऐसे हुई वर्ल्ड वाइड वेब की शुरुआत

CERN में हर तरह के कंप्यूटर थे जिन पर अलग अलग के फॉरमैट पर सूचना रखी जाती थी। यहां टिम का मुख्य काम था कि वे सूचनाये एक कंप्यूटर से दूसरे पर आसानी से जा सकें। CERN में काम करते हुए बर्नर्स-ली ने साल 1989 में रिसर्च के लिए सूचना साझा करने के बेहतर तरीके की जरूरत को महसूस किया। इसके बाद उन्होंने हाइपरटेक्स्ट पर आधारित सूचना प्रबंधन प्रणाली (Information Management System) के प्रस्ताव के साथ वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide Web) की नींव रखी, जिसके बाद 1991 में वेब का जन्म हुआ। टिम बर्नर्स-ली के आविष्कार ने लोगों के जुड़ने और जानकारी को इस्तेमाल करने के तरीके को बदल दिया।

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टिम बर्नर्स-ली को किया गया सम्मानित

साल 2001 में टिम बर्नर्स-ली को उनके अहम योगदान के लिए रॉयल सोसायटी का सदस्य बनाया गया। इसके अलावा 2004 में उन्हें नाईटहुड की उपाधि दी गयी थी। 13 जून 2007 को, ऑर्डर ऑफ मेरिट, इंगलैंड के सबसे महत्वपूर्ण सम्मान से सम्मानित किया गया। हालांकि, टिम बर्नर्स-ली (Tim Berners-Lee) वेब (Web) की वर्तमान स्थिति के बारे में चिंतित हैं। उन्हें बड़ी तकनीकी कंपनियों की शक्ति और गलत सूचना के प्रसार (Spread of Misinformation) की चिंता है। वह वेब 3.0 के माध्यम से ‘मिड कोर्स करेक्शन’ के पक्षधर हैं। यह एक ऐसी अवधारणा है, जो अधिक विकेन्द्रीकृत और तटस्थ इंटरनेट को बढ़ावा देती है।

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