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देश में 15 सालों तक हो निरंकुशवादी सरकार, तभी जटिल समस्याओं का होगा समाधान : हसन निसार

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। देश में 15 सालों के लिए एक निरंकुशवादी सरकार होनी चाहिए। जो भी व्यक्ति लोकतंत्र की मांग करे, उसे गोली मार देनी चाहिए। इसके साथ ही गोली का पैसा भी उसके घरवालों से वसूल करना चाहिए। यह सुझाव पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हसन निसार ने देकर राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है। उन्होंने कहा कि तानाशाही ही पाकिस्तान की सभी समस्याओं का समाधान है। हसन निसार पाकिस्तान के एक लोकल टीवी चैनल से बात करते हुए कहा कि कोई डेमोक्रेसी का नाम जो ले, उसे फायरिंग स्क्वाड के आगे लाओ और गोलियों का, गन की घिसाई का खर्च भी उसके परिवारवालों से वसूल करो।

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हसन निसार ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा से लेकर जनसंख्या नियंत्रण तक,तानाशाही शासक ही इन समस्याओं को ठीक कर सकता है। भुट्टो और शरीफ परिवारों के वंशजों का जिक्र करते हुए कहा कि क्या ये बच्चे देश को संभालने और चलाने वाले हैं? खुदा का खौफ करें। कोई चीज अपने ठिकाने पर नहीं है। तानाशाही के अलावा और कोई चारा ही नहीं’ जब उनसे पूछा गया कि क्या वो पाकिस्तान में तानाशाही थोपने की बात कर रहे हैं? निसार ने जवाब दिया कि मैं कहता हूं इसके (तानाशाही) के अलावा और चारा ही नहीं है, वरना तबाही अपनी सभी सीमाओं को पार कर जाएगी।

जब एंकर ने पाक पीएम इमरान खान को लेकर सवाल किया गया, जो तानाशाही के खिलाफ हैं और वेस्टर्न डेमोक्रेसी का समर्थन करते हैं, क्या उन्हें अगले पांच साल दिए जाने चाहिए? जवाब में हसन निसार ने कहा कि मैंने कहा कि उसको भी देकर देख लेना चाहिए। ये हमारा फर्ज है। हसन निसार के बयान पर भड़के पाकिस्तानी हसन निसार के इन बयानों की पाकिस्तान में कई लोग आलोचना कर रहे हैं। कई लोग उन्हें बैन करने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर टीवी कार्यक्रम का वीडियो क्लिप शेयर कर लोग हसन निसार पर निशाना साध रहे हैं। जियो टीवी के रिपोर्टर मुर्तजा अली शाह ने हसन निसार का बयान ट्वीट किया है जिसे रीट्वीट करते हुए पूर्व प्रोफेसर एस अब्बास ने लिखा कि हसन निसार ने जो टीवी पर कहा, वो अस्वीकार्य है। हिंसा को उकसाना अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है। ये व्यक्ति खुलेआम फासीवाद पर उपदेश दे रहा है।

 

पाकिस्तान के पत्रकार वसीम अब्बासी ने ट्वीट कर ‘टीवी पर संविधान के दुष्प्रचार के लिए हसन निसार को बैन कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह 22 करोड़ पाकिस्तानियों का अपमान है। लोगों में इनके खिलाफ गुस्सा फैल रहा है। महिला अधिकारों के लिए काम करने वाली निदा किरमानी ने अपने ट्वीट में इमरान खान सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा कि हसन निसार ने लोकतंत्र का समर्थन करने वाले लोगों को गोली मारने और उनके प्रियजनों को गोलियों के लिए भुगतान करने का आह्वान किया, बहुत अच्छा।

दूसरी तरफ अली वजीर ने केवल अपने एक भाषण में देश की नीतियों की आलोचना की थी और एक साल से अधिक समय से जेल में हैं। शेरको मजारी नाम के एक यूजर ने लिखा कि इस तरह के लोगों को टीवी पर बुलाया ही क्यों जाता है?’ पाकिस्तान के लेखक युसूफ नजर ने ट्विटर पर लिखा कि हसन निसार एक धूर्त मूर्ख है। जंग की वकालत करने और हिंसा भड़काने के आरोप में उन्हें प्रतिबंधित कर देना चाहिए।

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