नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस तैयारियों में जुट गयी है। मंगलवार को कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी की अगुवाई में संसदीय रणनीति समूह की बैठक हुई। बैठक के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि इन्होंने देश को अंधकार में रखा है। कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि, सोनिया गांधी जी की अध्यक्षता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जी के नेतृत्व में संसदीय दल की रणनीतिक बैठक हुई। इस बैठक में हमने देश की आर्थिक समस्या, हिमाचल प्रदेश की आपदा और मणिपुर की अस्थिरता के साथ ही गौतम अडानी के संदर्भ में चर्चा की।
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साथ ही कहा, संसद के विशेष सत्र की घोषणा तो हुई है, लेकिन खुद BJP जरूरी मुद्दे तय नहीं कर पा रही है। आज कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने निवास पर INDIA गठबंधन के नेताओं को बुलाया है, जहां हम देश से जुड़े जरूरी मुद्दों पर चर्चा करेंगे। कांग्रेस पार्टी जनता से जुड़े जरूरी मुद्दों पर चर्चा करने और सुझाव देने के लिए तैयार है। अब सवाल मोदी सरकार से है कि क्या वो अपना एजेंडा बताएंगे?
जब कभी विशेष सत्र बुलाया जाता है तो इसके विषय की जानकारी सभी पार्टियों को दी जाती है। एक एजेंडा तय किया जाता है।
लेकिन हमने पहली बार देखा है कि पार्टियों से विचार-विमर्श के बिना अचानक सत्र बुलाया गया है।
यह सत्र केवल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बुलाया गया है।
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INDIA पार्टी इस… pic.twitter.com/JPm5nRd8xb
— Congress (@INCIndia) September 5, 2023
इस दौरान कांग्रेस नेता जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने कहा कि, जब कभी विशेष सत्र बुलाया जाता है तो इसके विषय की जानकारी सभी पार्टियों को दी जाती है। एक एजेंडा तय किया जाता है। लेकिन हमने पहली बार देखा है कि पार्टियों से विचार-विमर्श के बिना अचानक सत्र बुलाया गया है। यह सत्र केवल लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बुलाया गया है। INDIA पार्टी इस सत्र में भाग लेगी, लेकिन हम चाहते हैं कि इसमें जनता के मुद्दों पर बात हो।
उन्होंने कहा कि, कांग्रेस नेताओं के बीच सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मामलों पर चर्चा हुई है और INDIA गठबंधन नेताओं से भी होगी। हम चाहते हैं कि विशेष सत्र में आर्थिक, राजनीतिक मुद्दों के साथ विदेश नीति और सीमाओं से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा हो। हम उम्मीद करते हैं कि विशेष सत्र में सरकार विपक्ष को साथ लेकर चलेगी। आज की बैठक के बाद हम मुद्दे चुनेंगे और मांग करेंगे कि सदन में खुलकर चर्चा हो।