यूपी निकाय चुनाव आयोग अब मई- जून तक होने की संभावना है। हाई कर्ट के निर्णय के बाद से यह बात साफ हो गई है कि निकाय चुनाव में थोड़ा वक्त लगेगा|
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सरकार को आयोग का गठन करना होगा और आयोग की निगरानी में ही अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने की प्रक्रिया अपनानी होगी। उधर, फरवरी में सरकार ग्लोबल इंवेस्टर समिट करा रही है। फरवरी-मार्च में यूपी समेत विभिन्न बोर्डों की परीक्षाएं भी होनी हैं। जिसके कारण यह चुनाव टाल दिया गया है|
बता दें कि 2017 में नगर निकाय चुनाव के लिए 27 अक्तूबर को अधिसूचना जारी की गई थी और तीन चरणों में संपन्न हुए चुनाव की मतगणना 1 दिसंबर को हुआ था इस बात से या संदेशा लगाया जा रहा था कि इस बार भी चुनाव इस तरह से ही संपन्न कराया जाएगा लेकिन नगर विकास विभाग की लचर तैयारी से चुनाव प्रक्रिया देर से शुरू हुई। वार्डों और सीटों के आरक्षण दिसंबर में हुआ। पांच दिसंबर को मेयर और अध्यक्ष की सीटों का प्रस्तावित आरक्षण जारी किया गया।
रैपिड सर्वे से लेकर आरक्षण की अधिसूचना जारी करने को लेकर कई स्तरों पर हुई चूक हुई।