Tirumala Tirupati Laddus: दुनिया भर के करोड़ों हिंदुओं के आस्था के केंद्र आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति तिरुमला मंदिर (Tirumala Tirupati Temple) को लेकर बेहद चौंकाने वाली खबर अब कंफर्म हो गई है। आंध्र के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू (Andhra Chief Minister N Chandrababu Naidu) के गंभीर आरोपों के बाद नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (National Dairy Development Board) की टेस्ट रिपोर्ट में कंफर्म हुआ है कि प्रसिद्ध मंदिर में मिलने वाले लड्डुओं में मिलावट की गई थी। इनमें बीफ फैट और फिश ऑयल समेत कई दूषित चीजों को पाया गया है।
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आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू सर ने आंध्र प्रदेश की पिछली सरकार पर #तिरुपति लड्डू बनाने में पशु वसा और घटिया सामग्री का उपयोग करने का आरोप लगाया है।
शर्म आनी चाइए एसे लोगो को हिंदू की आस्था के साथ खिलवाड़ करने के लिए#TirupatiLaddu #ChandrababuNaidu #Tirupati… pic.twitter.com/Dc9Hd1LxNh — MR.𝕏 (@nish0015) September 19, 2024
नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (National Dairy Development Board) की रिपोर्ट में सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया गया है कि तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) द्वारा संचालित तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर मंदिर (Shri Venkateswara Temple) का लड्डू बनाने में मछली का तेल, बीफ और चर्बी का इस्तेमाल किया गया। बोर्ड की रिपोर्ट में तिरुपति मंदिर (Tirupati Temple) के लड्डू और अन्नदानम के सैम्पल की जांच में यह बड़ा खुलासा हुआ है।भगवान को चढ़ाने के बाद इन लड्डुओं का वितरण श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद के तौर पर किया जाता रहा है. इसकी बड़े पैमाने पर बिक्री भी की जाती रही है।
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लड्डू को लेकर आंध्र प्रदेश में सियासी हंगामा
इससे पहले, तिरुपति मंदिर (Tirupati Temple) में प्रसाद के तौर पर बांटे जाने लड्डू को लेकर आंध्र प्रदेश में सियासी हंगामा मचा हुआ है।सीएम चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए विधायक दल की बैठक में बुधवार को पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि पूर्ववर्ती सरकार ने एक पवित्र मिठाई यानी विश्व प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू को बनाने में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया था।
वाईएसआर कांग्रेस ने तिरुमला की पवित्रता को किया कलंकित
उन्होंने तेलुगु में कहा था कि पिछले पांच सालों में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमला की पवित्रता को कलंकित किया है। उन्होंने ‘अन्नदानम’ (मुफ्त भोजन) की गुणवत्ता से समझौता किया और घी के बजाय पशुओं की चरबी का उपयोग करके पवित्र तिरुमला लड्डू को भी दूषित कर दिया। इस खुलासे ने चिंता पैदा कर दी है। हालांकि, अब हम शुद्ध घी का इस्तेमाल कर रहे हैं। हम टीटीडी (TTD) की पवित्रता की रक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं। आईटी मंत्री नारा लोकेश (IT Minister Nara Lokesh) ने भी सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर तत्कालीन जगन मोहन रेड्डी प्रशासन पर निशाना साधा।
वाईएसआर कांग्रेस का पलटवार, नायडू को शपथ लेने का चैलेंज
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दूसरी ओर, वाईएसआर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद और तिरुमाला मंदिर का प्रबंधन वाला बोर्ड (TTD) के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने जवाब में कहा कि भक्तों की आस्था को मजबूत करने के लिए मैं और मेरा परिवार तिरुमाला प्रसादम के मामले में भगवान को साक्षी मानकर शपथ लेने के लिए तैयार हैं। लेकिन क्या नायडू भी अपने परिवार के साथ शपथ लेने के लिए तैयार हैं?
जांच और विवाद के घेरे में रहा तिरुपति मंदिर का लड्डू प्रसादम
वाईएसआरसीपी शासन के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम को जांच और विवाद का सामना करना पड़ा था। इसमें टीडीपी (TTP)ने अक्सर ही इसकी गुणवत्ता में कथित गंभीर समझौते किए जाने की आलोचना की थी। टीटीडी (TTD) ने हाल ही में डेयरी विशेषज्ञों के परामर्श पर एक आंतरिक मूल्यांकन किया और उसमें पाया कि “श्रीवारी लड्डू” के स्वाद को निर्धारित करने में गुणवत्ता वाला घी अहम भूमिका निभाता है। टीटीडी के पास सही प्रयोगशालाएं नहीं थीं और प्राइवेट प्रयोगशालाओं ने पिछले कुछ सालों में घी की गुणवत्ता का सही परीक्षण नहीं किया।
टीटीडी (TTD) ने हाल ही में घी की गुणवत्ता का आंकलन करने के लिए एक नई संवेदी धारणा प्रयोगशाला की स्थापना की है। इसके अलावा मैसूर में स्थित एक गुणवत्ता प्रशिक्षण संस्थान में अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दे रहा है।