नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान संपन्न होने के बाद टीएमसी तेजी से बीजेपी पर हमलावर हो गई है। बंगाल चुनाव में इस वक्त टीएमसी और बीजेपी में आर पार की लड़ाई का दौर शुरू हो गया है। बंगाल में निष्पक्ष चुनाव की मांग करने टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा है।
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पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और मंत्री सुब्रत मुखर्जी की अध्यक्षता में इस प्रतिनिधिमंडल ने सीआरपीएफ की भूमिका पर सवाल उठाते हुए पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष चुनाव की मांग की है। इसके अलावा ही संयुक्त मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल ने भी चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया है। पूर्व वित्त मंत्री और टीएमसी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव में सेंट्रल फोर्स की भूमिका निष्पक्ष नहीं है। केंद्र के सत्ता में ऐसे लोग बैठे हैं, जिनके लिए कोई चीज नावाजिब नहीं है।
चुनाव जीतने के लिए वह किसी हद तक गिर सकते हैं। अगर गृह मंत्री निर्देश देते हैं कि टीएमसी को वोट देने से रोक दो तो चुनाव आयोग को देखना चाहिए कि चुनाव निष्पक्ष हो। चुनाव को गृह मंत्री और भाजपा ने एकपक्षीय बनाने का काम किया। इसके बाद भी लोगों में लहर रोक नहीं सकता है। देश में यह कई चुनाव से साबित हो गया है।
दो चरणों के मतदान में इन 60 सीटों में टीएमसी को भारी बहुमत मिलने वाली है। तृणमूल कांग्रेस नेता सुब्रत मुखर्जी का कहना है कि वोटिंग के दौरान धांधली और अशांति पैदा करने का प्रयास और गृह मंत्री के निर्देश पर सशस्त्र वाहिनी का कार्य करना और बार-बार EVM मशीन खराब होने जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव आयोग से हस्तक्षेप की मांग की गई है।
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