नई दिल्ली: हिन्दू शास्त्रों के अनुसार हर महीने में दो बार चुतर्थी तिथि आती है। एक बार शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। इसके मुताबिक, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 31 मार्च 2021 को पड़ रही है। इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
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आपको बता दें, ऐसी मान्यता है कि अगर भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाए तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इस दौरान गणेश जी की आरती, उनके मंत्र और चालीसा का पाठ पूरी श्रद्धा के साथ किया जाता है। तो आइए जानते हैं भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और महत्व।
भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त
भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी बुधवार, मार्च 31, 2021 संकष्टी के दिन चन्द्रोदय- रात 9 बजकर 39 पर
चतुर्थी तिथि प्रारम्भ- मार्च 31, 2021, गुरुवार को दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त- अप्रैल 01, 2021, शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 59 मिनट तक
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भालचन्द्र संकष्टी चतुर्थी का महत्व
हिन्दू पंचांग के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी व्रत कृष्ण पक्ष चतुर्थी को किया जाता है। यह व्रत गणेश भक्तों के लिए बेहद ही अहम माना जाता है। क्योंकि चतुर्थी तिथि भगवान गणेश की प्रिय तिथि है। गणेश जी को प्रथम देव माना गया है। ऐसे में हर शुभ काम को करने से पहले गणेश जी का नाम लिया जाता है। मान्यता हा कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत करता है उसके सभी दुख खत्म हो जाते हैं। इसलिए उन्हें विघ्नहर्ता कहा जाता है। गणेश जी अपने भक्तों के दुखों को हर लेते हैं।