नई दिल्ली। चीन की जिनपिंग सरकार ने सोमवार को घोषणा की है कि अब प्रत्येक माता-पिता को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति होगी। ड्रैगन ने हाल ही में सामने आए जनसंख्या के उन आंकड़ों के बाद इस नीतिगत बदलाव की घोषणा की है, जिसमें बच्चों के जन्म में नाटकीय गिरावट देखी गई थी। चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अध्यक्षता में एक पोलित ब्यूरो की बैठक के दौरान बदलाव को मंजूरी दी गई।
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चीन ने अपनी दशकों पुरानी एक बच्चे की नीति को समाप्त कर दिया था। बता दें कि चीन ने जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए यह नीति लागू किया था। दो बच्चों की सीमा के साथ चीन में बच्चों के जन्म में निरंतर वृद्धि नहीं हुई। चीन की शहरों में बच्चों की परवरिश की उच्च लागत ने कई जोड़ों ने इसे नहीं अपनाया।
इसी महीने की शुरुआत में, चीन की एक दशक में एक बार की जनगणना से पता चला है कि 1950 के दशक के बाद से पिछले दशक के दौरान जनसंख्या सबसे धीमी दर से बढ़ी है। अकेले 2020 में महिलाओं ने औसत रूप से 1.3 बच्चों को जन्म दिया है।
चीन में जनसंख्या सबसे धीमी गति से 1.412 अरब हुई
चीन की आबादी 2019 की तुलना में 0.53 प्रतिशत बढ़कर 1.41178 अरब हो गई है। हालांकि जनसंख्या वृद्धि की यह दर सबसे धीमी है। 2019 में आबादी 1.4 अरब थी। चीन का सबसे ज्यादा आबादी वाले देश का दर्जा अब भी बरकरार है हालांकि अधिकारिक अनुमान के मुताबिक अगले साल तक इस संख्या में गिरावट आ सकती है। जिससे श्रमिकों की कमी हो सकती है और उपभोग स्तर में भी गिरावट आ सकती है। ऐसे में भविष्य में देश के आर्थिक परिदृश्य पर भी इसका असर होगा।
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चीन की सरकार द्वारा हाल ही में जारी सातवीं राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक सभी 31 प्रांतों, स्वायत्त क्षेत्रों और नगरपालिकाओं को मिलाकर चीन की जनसंख्या 1.41178 अरब हो गई है। जो 2010 के आंकड़ों के मुकाबले 5.8 प्रतिशत या 7.2 करोड़ ज्यादा है। इन आंकड़ों में हांगकांग और मकाउ को शामिल नहीं किया गया है। चीन 1990 के दशक से हर 10 साल पर राष्ट्रीय जनगणना कराता है। नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक देश की जनसंख्या 2010 के मुकाबले 5.38 प्रतिशत या 7.206 करोड़ बढ़कर 1.41178 अरब हो गई है।
भारत के 2027 तक दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के तौर पर चीन से आगे निकल जाने का अनुमान
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जून 2019 में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में जहां आबादी में कमी आएगी। वहीं 2019 में 1.366 अरब की आबादी वाले भारत के 2027 तक दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश के तौर पर चीन से आगे निकल जाने का अनुमान है। एनबीएस द्वारा जारी नई जनगणना के आंकड़ों से पता चलता है कि चीन जिस संकट का सामना कर रहा था, उसके और गहराने की उम्मीद है, क्योंकि देश में 60 वर्ष से अधिक लोगों की आबादी बढ़कर 26.4 करोड़ हो गई है। जो पिछले साल के मुकाबले 18.7 प्रतिशत ज्यादा है। एनबीएस ने एक बयान में कहा कि जनसंख्या औसत आयु बढ़ने से दीर्घकालिक संतुलित विकास पर दबाव बढ़ेगा। जिनपिंग ने कहा कि चीन में कामकाजी आबादी या 16 से 59 आयुवर्ग के लोग 88 करोड़ हैं।