Umesh Pal Murder Case : उमेश पाल हत्याकांड (Umesh Pal Murder Case) के तार बरेली से जुड़ने के बाद अशरफ के गुर्गों की धरपकड़ का सिलसिला तेज हो गया है। थाना बारादरी पुलिस ने पुराना शहर से एक शख्स को पूछताछ के लिए उठाया है। उमेश पाल (Umesh Pal) की हत्या की योजना बरेली जेल में अशरफ के नेतृत्व में बनाने की स्थिति साफ होने के बाद बारादरी और बिथरी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
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इसमें मुख्य आरोपी अशरफ का साला सद्दाम है, जो स्थानीय लोगों पर रुपया खर्च कर दोस्ती के दम पर अशरफ को सहूलियतें दिला रहा था। स्थानीय मददगारों में लल्ला गद्दी शामिल है जो एक राजनीतिक दल से जुड़ा बताया जा रहा है। लल्ला गद्दी की तरह एक-दो छुटभैये नेता के नाम और सामने आ रहे हैं, जो जेल प्रशासन व सद्दाम के बीच मध्यस्थ के तौर पर काम करते थे और इसकी अच्छी रकम भी हासिल करते थे।
सद्दाम के करीबी छह लोगों की पुष्टि
सर्विलांस से कॉल रिकॉर्ड और एजेंसियों की पड़ताल में सद्दाम के करीबी छह लोगों की पुष्टि हुई है। इनमें विपक्ष की पार्टी से जुड़े एक पूर्व मंत्री के परिवार की लड़की भी शामिल है, जो सद्दाम की प्रेमिका के रूप में चर्चित है। यह लड़की ही अक्सर सद्दाम के खुशबू एनक्लेव वाले आवास पर आती जाती थी। लोग इसे सद्दाम की पत्नी समझते थे। ऐसे ही कुछ और नामों की सूची एजेसियों ने तैयार कर रखी है। हालांकि जांच में पुष्ट हुआ है कि दिसंबर के बाद से सद्दाम बरेली नहीं आया है।
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एग्रीमेंट नहीं मिला, मकान मालिक भी रडार पर
करीब तीन साल पहले सद्दाम को मुश्ताक नाम से खुशबू एनक्लेव में अपना मकान किराये पर देने वाले मकान मालिक आजम नगर निवासी हसीन भी संदेह के घेरे में है। दरअसल हसीन ने पुलिस को बताया था कि कोई मुश्ताक नाम का शख्स मकान लेने आया था। उसने एग्रीमेंट भी कराया था। बाद में सद्दाम यहां रहने लगा। पुलिस ने जानकारी जुटाई तो पता लगा कि मुश्ताक नाम के शख्स का नाम पता ही नहीं मिल रहा है।
वह एग्रीमेंट और मुश्ताक की आईडी भी हसीन उपलब्ध नहीं करा सके। संदेह इसलिए भी बढ़ रहा है कि उमेश पाल की हत्या के बाद भी हसीन ने किसी को कोई जानकारी नहीं दी। मीडिया में मामला उछलने के बाद जब उन्हें कार्रवाई का डर सताया तो उन्होंने सद्दाम के खिलाफ रिपोर्ट लिखवा दी। पुलिस संदेह के आधार पर कॉल डिटेल आदि निकलवा रही है, मकान मालिक को भी आरोपी बनाया जा सकता है।
किरायेदार ने खाली कर दिया मकान
हसीन के मकान के निचले हिस्से में सद्दाम रहता था। दो महीने पहले ही ऊपरी हिस्से में दोना पत्तल व्यापारी इकरार परिवार समेत रहने आए थे। इस बीच यह घटनाक्रम हो गया। अब लगातार पूछताछ और परिचितों के टोकने से परेशान इकरार ने दूसरा महीना पूरा होने से पहले ही मकान छोड़ दिया है। उन्होंने गुरुवार को मकान से बाकी सामान भी हटवा लिया।