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Umesh Pal Murder Case : एनकाउंटर में मारे गए विजय की पत्नी सुहानी, बोली-पुलिस ने ये वादा…

By संतोष सिंह 
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Umesh Pal Murder Case : उमेश पाल और सिपाही संदीप निषाद को पहली गोली मारने वाले शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान को सोमवार तड़के पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। तीन थानों की फोर्स ने विजय को गोठी गांव में घेर लिया तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। एक सिपाही को भी गोली लगी है। पुलिस की जवाबी फायरिंग में उस्मान को दो गोलियां लगीं।

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उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मारा गया शूटर 50 हजार रुपये का इनामी था। एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक, सोमवार तड़के पुलिस को सूचना मिली कि उमेश पाल हत्याकांड में शामिल रहा शूटर उस्मान कौंधियारा के गोठी क्षेत्र में है। सूचना पर शंकरगढ़, कौंधियारा और खीरी थानों की फोर्स वहां पहुंची और उस्मान को घेर लिया।

पुलिस अफसरों के मुताबिक पुलिस को देखते ही उस्मान पिस्टल से गोलियां चलाने लगा। एक गोली सिपाही नरेंद्र की बांह में लगी। इसके बाद पुलिस ने जवाबी गोलीबारी शुरू की। इसमें उस्मान को गोली लगी। पुलिस उसे लेकर तुरंत एसआरएन अस्पताल पहुंची, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

सूचना मिलते ही पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा, एडीसीपी आकाश कुलहरि और डीसीपी यमुनापार संतोष कुमार मीणा समेत तमाम अफसर मौके पर पहुंच गए। लखनऊ में आला अधिकारियों को फोन कर पूरी जानकारी दी गई। विजय उर्फ उस्मान के पास से एक 32 बोर की पिस्टल और कुछ कारतूस मिले हैं।

एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि उस्मान सीसीटीवी फुटेज में उमेश पाल और सिपाही संदीप को गोली मारते दिख रहा था। उसकी खोजबीन की जा रही थी। जांच में यह भी पता चला कि अतीक अहमद ने ही विजय चौधरी को धर्म परिवर्तन कर उस्मान बनाया था। कौंधियारा के भागोकर गांव निवासी उस्मान का नाम पुलिस ने अब तक सार्वजनिक नहीं किया था। हालांकि उसकी खोजबीन की जा रही थी।

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विजय चौधरी उर्फ उस्मान की पत्नी सुहानी ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने रविवार शाम सात बजे उसी से पति को बुलवाया। पुलिस पर विश्वास न होते हुए भी उसने विजय को बुला लिया। जिसका डर था, वही हुआ। पुलिस ने विजय को मार दिया।

विजय की पत्नी सुहानी का कहना था कि विजय उसके साथ 24 फरवरी को भी था। कुछ देर के लिए वह बाहर गया था लेकिन वापस आ गया। वह 26 फरवरी को सतना गया था। वहां से दो मार्च को वापस आ गया। सुहानी का दावा था कि रविवार को शाम को सात बजे पुलिस अपने साथ विजय को ले गई। पुलिस पहले घर पहुंची थी। उसने विजय को बुलाने को कहा।

वादा किया कि विजय को कुछ नहीं किया जाएगा। पुलिस पर विश्वास नहीं था लेकिन वह बातों में आ गईं और उसने खुद ही विजय को बुलाया था। पुलिस ले गई और विजय वापस नहीं लौटा। इसके बाद पुलिस सबको पकड़ थाने लगे गई। सुबह पता चला कि उसे एनकाउंटर में मार दिया गया। उसने यह भी कहा कि विजय का नाम उस्मान नहीं था।

भगोकर गांव के रहने वाले विजय चौधरी और सुहानी पांडेय पिछले कई वर्षों से एक दूसरे को पंसद करते थे लेकिन बिरादरी अलग होने के कारण घर वाले उनकी शादी में रोड़ा बने थे। दो साल पहले दोनों भाग निकले। इसके बाद सुहानी के भाई ने विजय पर अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया। बाद में सुहानी वापस चली गई।

इसके बाद फिर वह विजय के साथ चली गई। इसके बाद उसके मायके वालों ने उससे संबंध खत्म कर लिए। दोनों ने शादी कर ली और गांव में न रहकर घूरपुर में रहने लगे। जब स्थिति सामान्य हुई तो वे वापस गांव आ गए थे। विजय सीमेंट एजेंसी में गाड़ी चलाता था। उसने घर के किसी सदस्य से अतीक गिरोह में शामिल होने की बात नहीं बताई थी।
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