प्रयागराज। यूपी (UP) की योगी सरकार (Yogi Government) आगामी विधानसभा चुनावों (Assembly Election) से पहले हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए बड़े फैसले ले रही है। इसी को देखते हुए बीते दिनों कैबिनेट बैठक के दौरान अधिवक्ताओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। कैबिनेट बैठक में अधिवक्ताओं की कल्याण निधि राशि (Advocates Welfare Fund) को 1.50 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया। योगी सरकार (Yogi Government) के इस फैसले से अधिवक्ताओं में खुशी की लहर है।
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यूपी बार काउंसिल (UP Bar Council) और इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (Allahabad High Court Bar Association) ने संयुक्त तौर पर सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। बार काउंसिल ऑफ यूपी (Bar Council of UP) के चेयरमेन श्रीश कुमार मेहरोत्रा ने कहा कि ये मांग लंबे समय से अधिवक्ता करते आ रहे थे, लेकिन किसी भी सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। न ही कोई पहल की गई, अब योगी सरकार (Yogi Government) ने मंजूरी देकर प्रदेशभर के अधिवक्ताओं को बड़ी सौगात दी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (Allahabad High Court Bar Association) के निवर्तमान अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ सिंह ने कहा की सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने प्रयागराज में 16 दिसंबर 2020 को आयोजित अधिवक्ताओं के एक बड़े समागम में इस मांग को लेकर अपनी सहमति दी थी। जिसे बुधवार को अपनी कैबिनेट से मंजूरी देकर अधिवक्ता हितों के लिए बड़ा कार्य किया है, जो स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा की किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि अधिवक्ता कल्याण निधि (Advocates Welfare Fund) की राशि को तीन गुना बढ़ा दिया जाएगा। लेकिन सूबे की सरकार ने पहले की डेढ़ लाख राशि को बढ़ाकर 5 लाख कर दिया है। इससे वरिष्ठ अधिवक्ता जो 30 वर्ष से अधिक की प्रेक्टिस कर चुकें हैं, उन्हें आर्थिक तौर पर मजबूत करके सरकार ने सराहनीय कार्य किया है।
बता दें कि सूबे की सरकार ने विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2017 ) 2017 में अपने संकल्प पत्र में वादा किया था, कि वकीलों को अधिवक्ता कल्याण निधि (Advocates Welfare Fund) के तहत दी जाने वाली सहायता राशि को बढ़ाया जाएगा। अब जब यूपी विधानसभा के 2022 चुनाव (UP Assembly Election 2022) में कुछ समय का वक्त रह गया हो, ऐसे समय में सरकार ने अधिवक्ताओं से किए गए अपने एक बड़े वादे को पूरा कर दिया है। यूपी सरकार (UP Government) के इस फैसले से प्रदेशभर के हजारों अधिवक्ताओं को जहां आर्थिक तौर मजबूती मिलेगी। तो वहीं इसे चुनाव से ठीक पहले एक बड़े सौगात के रूप में भी देखा जा रहा है।