करहल। आज सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मैनपुरी के करहल विधानसभा की सीट से नामांकन करने पहुंच चुके हैं। अखिलेश पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैं। वर्तमान में अखिलेश यादव आजमगढ़ से सांसद भी हैं। खबर ये है कि अखिलेश यादव की अनुज बहू और हाल ही में भाजपा में शामिल हुई अपर्णा यादव को भाजपा उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतार सकती है। अगर अपर्णा अखिलेश के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं तो भाजपा को एक साथ तीन फायदे हो सकते हैं।
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अखिलेश अपनी सीट को लेकर नहीं होंगे निश्चिंत
अपर्णा को अखिलेश के खिलाफ उतारकर बीजेपी एक तीर से कई निशाने साध सकती है। बीजेपी चाहती है कि कहरल से किसी ऐसे मजबूत उम्मीदवार को उतारा जाए जिससे अखिलेश यादव अपनी सीट को लेकर निश्चिंत ना हो पाएं। मुलायम सिंह यादव के परिवार की होने की वजह से अपर्णा नेताजी की विरासत की हिस्सेदार के तौर पर वोटर्स को लुभा सकती हैं।
पूरे प्रदेश में जाएगा संदेश
बीजेपी का मानना है कि यदि करहल में अखिलेश और उनके परिवार की सदस्य अपर्णा यादव के बीच सीधी टक्कर होती है तो वह पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनेगा। यह संदेश जाएगा कि अखिलेश यादव के साथ उनका परिवार भी साथ नहीं है।
लखनऊ कैंट सीट पर लड़ाई होगी कम
अपर्णा यादव को अखिलेश के खिलाफ करहल सीट से उतारने से बीजेपी के लिए लखनऊ कैंट सीट पर भी सिरदर्दी कुछ कम हो सकती है। जहां से मौजूदा विधायक अपनी सीट छोड़ना नहीं चाहते तो सांसद रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे के लिए यह सीट चाहती हैं।