UP Election 2022 : बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) अब तक यूपी की सत्ता में चार बार विराजमान हो चुकी है। इसके साथ ही राष्ट्रीय पार्टी होने का खिताब भी अपने नाम किया, लेकिन 2012 के बाद से पार्टी का ग्राफ नीचे गिरना शुरू हुआ तो अभी तक थमा नहीं। ऐसे में मायावती (Mayawati) अपने खिसकते सियासी जनाधार को रोकने के लिए कई प्रयोग कर चुकी हैं, लेकिन अब तक उनका हर प्रयोग फेल होता ही नजर आ रहा है। मायावती (Mayawati) 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद अभी तक चार प्रदेश अध्यक्ष बदल दिए है, लेकिन न तो विधायकों के पार्टी छोड़ने का सिलसिला थमा और न ही यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में फ्रंटफुट पर पार्टी लड़ती दिख रही है।
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अब तक बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) के 75 फीसदी विधायक मायावती (Mayawati) का साथ छोड़ चुके हैं। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा के 19 विधायक जीतकर आए थे, जो अब महज चार बचे हैं। ऐसे में यूपी में अपना दल और कांग्रेस से भी कम विधायक बसपा के बचे हैं।
बता दें कि मायावती (Mayawati) ने पिछले साल नवंबर में बसपा (BSP) ने भीम राजभर को अपनी उत्तर प्रदेश इकाई का नया अध्यक्ष नियुक्त किया था। भीम राजभर चौथे बसपा के अध्यक्ष हैं। इनसे पहले मुनकाद अली, आरएस कुशवाहा और राम अचल राजभर पार्टी अध्यक्ष थे, जिनमें मुनकाद अली को छोड़कर राजभर और कुशवाहा दोनों ही बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव (UP assembly elections) का तापमान चढ़ने से पहले की मायावती के दावों की हवा निकलती नजर आ रही है। माया के सिपहसालार लगातार पार्टी छोड़ छोड़कर दूसरे दलों में जा रहे हैं। यूपी विधानसभा चुनाव (UP assembly elections) 2022 से ठीक पहले पार्टी में भगदड़ की स्थिति है। बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) जब से सत्ता से बाहर हुई है। इसके बाद पार्टी छोड़ने वाले महारथियों का सैकड़ा पार हो चुका है। बीते छह महीने में बसपा विधायक दल के दो नेता छोड़ चुके हैं, जिनमें लालजी वर्मा और गुड्डू जमाली हैं। हालांकि अब मायावती (Mayawati) ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली (Shah Alam alias Guddu Jamali) की जगह उमाशंकर सिंह को विधानमंडल दल का नेता चुना है।