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UP Legislature Monsoon session : अखिलेश ने शिवपाल के लिए मांगी विधानसभा में आगे की सीट? जानें बदलते समीकरण

By संतोष सिंह 
Updated Date

UP Legislature Monsoon session :  समाजवादी पार्टी के मुखिया यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) तमाम मतभेदों के बीच अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के लिए विधानसभा में आगे की सीट मांगी है। इसके लिए विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा पत्र लिखे जाने की पुष्टि मुख्य सचेतक डॉ. मनोज कुमार पांडेय (Chief Whip Dr. Manoj Kumar Pandey) ने की है।

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पत्र में कहा गया है कि शिवपाल सिंह यादव वरिष्ठ नेता हैं। इसलिए उन्हें विधानसभा में अग्रिम पंक्ति में जगह दी जाए। अखिलेश की चिट्ठी की चर्चा सियासी गलियारे में शुरू हो गई है। सवाल ये है कि क्या एक बार फिर से चाचा और भतीजे के बीच दूरियां कम करने की कोशिश शुरू हो गई है। क्या इस बार खुद अखिलेश यादव ने इसकी पहल की है?

जानें  अखिलेश यादव  ने पत्र में क्या है लिखा ? 
अखिलेश यादव ने मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को चिट्ठी लिखी। इसमें अखिलेश ने लिखा कि शिवपाल सिंह यादव सदन के वरिष्ठ सदस्य हैं और एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। ऐसे में उन्हें विधानसभा के अग्रिम पंक्ति में जगह दी जानी चाहिए।’

दरअसल, इस बार 19 से 23 सितंबर तक विधानसभा सत्र चलेगा। कहा जा रहा है कि ये सत्र काफी हंगामेदार होगा। विपक्ष ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। सरकार को हर तरह से घेरने के लिए अखिलेश यादव खुद रणनीति बना रहे हैं। सरकार पर दबाव बनाने का काम 14 सितंबर से ही शुरू हो जाएगा। समाजवादी पार्टी ने 14 से 18 सितंबर तक विधानसभा के बाहर महंगाई, कर्मचारियों के पुरानी पेंशन, किसानों के मुद्दों और कानून व्यवस्था को लेकर धरना प्रदर्शन करेगी।

डैमेज कंट्रोल की हो सकती है कोशिश

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शिवपाल सिंह यादव ने हाल ही में पूर्व सांसद डीपी यादव के साथ मिलकर यदुकुल पुनर्जागरण मिशन लॉन्च किया है। इसके जरिए देशभर के यादुवंशियों को एकजुट करने और उनके हित में काम करने की बात कही जा रही है। बताया जाता है कि शिवपाल अपने इस अभियान के जरिए यादव वोटर्स को अपनी ओर खींचने की कोशिश करेंगे। ऐसे में यह संभव है कि इसके संभावित नतीजों को देखकर अखिलेश यादव सकते में आ गए होंगे। वह वापस शिवपाल सिंह यादव को मनाने के लिए डैमेज कंट्रोल में जुटे हों। विधानसभा अध्यक्ष को लिखी गई चिट्ठी इसी का एक हिस्सा हो।

अगर शिवपाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन नहीं करेंगे, तो बाद में अखिलेश उन्हें भाजपा का एजेंट भी बता सकते हैं

अखिलेश जानते हैं कि चाचा शिवपाल सिंह यादव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रिश्ते अच्छे रहे हैं। कई बार शिवपाल योगी की तारीफ भी कर चुके हैं। ऐसे में अखिलेश अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव को विधानसभा में आगे बैठाकर अपने वोटर्स के बीच संदेश देना चाहते हों। 19 से 23 सितंबर तक चलने वाले इस विधानसभा सत्र में महंगाई, रोजगार समेत कई मुद्दों पर हंगामे के आसार हैं। ऐसे में अखिलेश अपने समर्थकों को यह दिखाना चाहते हैं कि जब सपा के सारे विधायक हो हल्ला करेंगे तो शिवपाल आगे बैठकर क्या करते हैं? क्या वह कुछ मुद्दे उठाते हैं या नहीं? क्या वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होते हैं या नहीं? अगर शिवपाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन नहीं करेंगे, तो बाद में अखिलेश उन्हें भाजपा का एजेंट भी बता सकते हैं।

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