Advertisement
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : मायावती को पूर्वांचल में लगा बड़ा झटका, विधानमंडल दल के नेता का इस्तीफा

Uttar Pradesh Assembly Election 2022 : मायावती को पूर्वांचल में लगा बड़ा झटका, विधानमंडल दल के नेता का इस्तीफा

By संतोष सिंह 
Updated Date

आजमगढ़। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) से पहले मायावती (Mayawati) को एक बार फिर गुरुवार को बड़ा झटका लगा है। बसपा विधानमंडल दल (BSP Legislature Party) के नेता व आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर विधानसभा  सीट (Mubarakpur Assembly seat) से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्‌डू जमाली (MLA Shah Alam alias Guddu Jamali) ने आज अपने पद व पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके साथ ही बसपा विधायक (BSP MLA) ने अपना इस्तीफा बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) को भेज दिया है।

पढ़ें :- नौतनवा में छापेमारी में तस्करी के लिए रखा लाखों का कपड़ा और कास्मेटिक पकड़ा गया

बता दें कि गुड्‌डू जमाली (Guddu Jamali) का यह दूसरा कार्यकाल है। इससे पूर्व 2012 के विधानसभा चुनाव में भी मुबारकपुर विधानसभा  सीट (Mubarakpur Assembly seat)  से विजई हुए थे। हाल ही में लालजी वर्मा व राम अचल राजभर को पार्टी से निष्कासित कर दिए जाने के बाद मायावती (Mayawati)  ने गुड्‌डू जमाली (Guddu Jamali) को नेता विधान बनाया था।

शाह आलम ने अपने पत्र में मायावती के साथ 21 नवम्बर 2021 की मीटिंग का जिक्र किया है। जिसमें लिखा है कि मेरी पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा व ईमानदारी के बाद भी आप संतुष्ट नहीं हैं, और मीटिंग के दौरान हमारे बीच हुई कई बातों पर विचार करने के बाद अब मैं यही उचित समझता हूं कि यदि मेरी नेता मुझसे या मेरे कार्यों से संतुष्ट नहीं हैं। या मैं आप पर या पार्टी पर महज एक बोझ बन गया हूं तो ऐसी सूरत में मैं आप पर या पार्टी पर बोझ बनकर नहीं रहना चाहता हूं। इसलिए मैं पार्टी के विधानमंडल दल के नेता व विधायक पद से त्याग-पत्र दे रहा हूं।

एक दिन पूर्व बसपा को लगा था झटका

पढ़ें :- जो भी गड़बड़ी करेगा, उसके खिलाफ क़ानून सख़्ती से कार्रवाई करेगा...संभल हिंसा पर बोले केशव मौर्य

आजमगढ़ जिले की सगड़ी विधानसभा से बसपा विधायक वंदना सिंह एक दिन पूर्व ही बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुई थी। ऐसे में आजमगढ़ जिले में बसपा को यह दूसरा बड़ा झटका लगा है। निश्चित रूप से आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

Advertisement