वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) और श्रृंगार गौरी मंदिर (Shringar Gauri Mandir) विवाद में अधिवक्ता कमिश्नर (Advocate Commissioner) के जरिए सर्वे का आदेश देने वाले वाराणसी सिविल कोर्ट (Varanasi Civil Court) के सीनियर डिवीज़न जज रवि कुमार दिवाकर (Senior Division Judge Ravi Kumar Diwakar) ने अपने फैसले में खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। अपने जजमेंट के 2 नंबर पेज पर उन्होंने बाकायदा इसका जिक्र किया है। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि इस सर्वे के फैसले को लेकर डर का माहौल बना दिया गया है। मुझे अपने परिवार की और परिवार को मेरी सुरक्षा की चिंता बनी रहती है।
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जज रवि दिवाकर ने अपने आदेश में लिखा है कि कमीशन की कार्रवाई एक सामान्य कमीशन की प्रकिया है जो कि सामान्यतः सिविल सूट में करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि शायद ही कभी किसी अधिवक्ता कमिश्नर को हटाने की बात की गई हो, लेकिन इस मामले में डर का माहौल बना दिया गया।
उन्होंने लिखा कि घर से बाहर होने पर बार-बार पत्नी मेरी सुरक्षा के लिए चिंतित रहती है। 11 मई को मां ने मेरी सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की है। शायद उन्हें पता चला था कि मैं कमिश्नर के रुप में ज्ञानवापी जा रहा हूं। मुझे मां ने मना भी किया कि मैं कमीशन में न जाऊं, क्योंकि वहां मेरी सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
इस बीच मामले से जुड़े सभी पक्षकारों और अधिवक्ताओं की सुरक्षा बढ़ाई गई है। वादी पक्ष की सभी महिलाओं को सुरक्षा दी गई है और प्रतिवादी पक्ष के भी लोगों की सुरक्षा पर पैनी निगाह रखी जा रही है। मामले की संवेदनशीलता देखते हुए सभी वादी महिलाओं के आवाजाही पर प्रशासन कड़ी निगरानी रख रहा है।
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कोर्ट ने दिया है ये आदेश
बता दें कि सिविल कोर्ट के जज ने अपने आदेश में कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद के चप्पे-चप्पे की वीडियोग्राफी होगी। इसके लिए चाहे ताला खुलवाना पड़े या तुड़वाना पड़े। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सर्वे के दौरान वादी, प्रतिवादी, एडवोकेट, एडवोकेट कमिश्नर और उनके सहायक व सर्वे से संबंधित और कोई नहीं होगा। इतना ही नहीं सर्वे पूरा कराने की व्यक्तिगत जिम्मेदारी जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर की होगी। कोर्ट ने सर्वे की रिपोर्ट 17 मई तक तलब की है। कोर्ट द्वारा नियुक्त अधिवक्ता कमिश्नर 14 मई से सर्वे का काम शुरू करेंगे।