Vibhuvana Sankashti Chaturthi : सनातन धर्म भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देव कहा जाता है। पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि भगवान श्री गणेश की पूजा किसी भी धार्मिक आयोजन में सर्वप्रथम की जाती है। भगवान श्री गणेश के कई नाम है। गणपति बप्पा,एकदन्त, गजकर्ण और गजानन सहित कई नामों से इनकी पूजा की जाती है। मान्यता कि जाता है कि भगवान गणेश (Lord Ganesha) भक्तों के सभी कष्टों को हर लेते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह 2 चतुर्थी पड़ती हैं। संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। अगस्त में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी विभुवन संकष्टी चतुर्थी है जो तीन साल बाद पड़ रही है। जानिए विभुवन संकष्टी चतुर्थी की तिथि, महत्व और पूजा विधि।
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सावन में अधिक मास की विभुवन संकष्टी चतुर्थी 4 अगस्त 2023, शुक्रवार को मनाई जाएगी। ये दिन गणपति जी को समर्पित है। संकष्टी चतुर्थी का व्रत सूर्योदय से चंद्रोदय तक रहता है। इसमें चंद्रमा की पूजा विशेष महत्व रखती है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।
गणपति पूजा सुबह का मुहूर्त – सुबह 07.25 – सुबह 09.05
शाम का मुहूर्त – शाम 05.29 – रात 07.10
अधिकमास भगवान विष्णु को समर्पित हैं और इस साल अधिक मास सावन में आया है। कहते हैं अधिक मास में गणपति की पूजा करने से घर में जल्द मांगलिक कार्य संपन्न होते हैं। भगवान गणेश की कृपा से विवाह, संतान प्राप्ति और आर्थिक तरक्की में आ रही बाधाएं हमेशा के लिए दूर हो जाती है। घर में बरकत के साथ घर पर सुख-समृद्धि बनी रहती है।