कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पहले चरण के प्रचार का शोर तो थम गया है। जहां टीएमसी की चिंता अपने गढ़ को बचाने की है, वहीं भाजपा के लिए पहले चरण का मतदान बेहद अहम है। बंगाल में कमल खिलाने के लिए बीजेपी ने ताबड़तोड़ चुनावी जनसभाएं की। वहीं, व्हील चेयर पर बैठ कर टीएमसी सुप्रीमो ने अपने गढ़ को बचाने के लिए रोड शो और धुआंधार रैलियां की। पहले चरण में पांच जिलों की 30 सीटों पर 27 मार्च को वोटिंग है।
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ये जिले हैं पुरुलिया, बांकुड़ा, झाड़ग्राम, पश्चिमी मेदिनीपुर और पूर्वी मेदिनीपुर। इन जिलों को अंग्रेजों के जमाने में जंगल महल कहा जाता था। इस क्षेत्र में आदिवासी समुदाय की निर्णायक स्थिति है। 2016 के विधानसभा चुनाव में इन 30 सीटों में 27 पर तृणमूल ने कब्जा जमाया था। दो सीटें कांग्रेस को मिली थीं और एक सीट रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी को मिली थी। अभी तक इस इलाके में दीदी का ही परचम फहरा रहा था। लेकिन लेकिन 2021 में परिस्थितियां बदली हुई हैं।
अब भाजपा एक मजबूत चुनौती बन कर उभरी है। इस चुनाव में तृणमूल और भाजपा के बीच कांटे के मुकाबले की संभावना जताई जा रही है। बंगाल में पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार में भाजपा ने अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,केंद्रीय गृह मंत्री समेत भाजपा के कई चर्चित चेहरों ने यहां चुनाव प्रचार के लिए जनसभाएं की। ममता बनर्जी ने भाजपा पर हमला करते हुए इन नेताओं पर बाहरी होने का आरोप लगाया।
पहले चरण में 5 जिलों की 30 सीटों पर चुनाव होने हैं। इसमें पुरुलिया की सभी 9 सीटें, बांकुरा की 4 सीट, झारग्राम की सभी 4 सीट, पश्चिम मेदिनीपुर 6 सीट, पूर्वी मेदिनीपुर की 7 सीट शामिल हैं। ये सीट हैं- पटशपुर, कंठी उत्तर, भागबनपुर, खेजुरी, कांति दक्षिणा, रामनगर, युग पुरवा, दंतन पश्चिम, नयाग्राम, गोपीबल्लपुर, झारग्राम, केशरी, खड़गपुर पासीम, गर्बिता पश्चिम, सालबोनी पश्चिम, मेदिनीपुर पश्चिम, बिनपुर, बंडवान, बलरामपुर, बाघमुंडी, जॉयपुर, पुरुलिया, मनबाजार, काशीपुर, पैरा, रघुनाथपुर, साल्टोरा, छठना, रानीबांध और रायपुर।