नई दिल्ली। भारत में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (New Omicron Variant) की लहर डेल्टा (Delta) जैसी हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो जनवरी के अंतिम सप्ताह और फरवरी के शुरूआत में ये पीक पर रह सकता है। यह भविष्यवाणी (Predicted) इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (IHME) के डायरेक्टर और यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स साइंसेज, वाशिंगटन के अध्यक्ष डॉ क्रिस्टोफर मरे (Dr. Christopher Murray) ने की है।
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एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि भारत में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (New Omicron Variant) के केस में उसी तरह की बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है जैसा कि डेल्टा लहर (Delta Wave) में देखने को मिला था। उन्होंने कहा कि चिंताएं बढ़ रहीं हैं, क्योंकि मंगलवार को कोरोना के नए केस 50 हजार की संख्या को पार कर गए। हालांकि केंद्र सरकार ने अन्य देशों के मुकाबले कोरोना की स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला हुआ है।
मरे ने कहा कि किसी भी तरह का प्रतिबंध ओमिक्रॉन को बढ़ने से नहीं रोक पाएगा। ये बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करेगा. क्रिस्टोफर मरे ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट केवल दो महीनों में दुनियाभर में साढ़े तीन करोड़ लोगों को संक्रमित करेगा। उन्होंने कहा कि भारत में डेल्टा लहर के दौरान जितने केस देखे गए थे। उतने केस फिर से दिख सकते हैं। जनवरी के मध्य तक पीक के सवाल पर उन्होंने कहा कि ओमिक्रॉन से साढ़े तीन करोड़ तक के संक्रमित होने की संभावना है। यह अप्रैल में डेल्टा के पीक के दौरान देखी गई संख्या का तीन गुना है।
उन्होंने कहा कि भारत में जनवरी के अंत या फरवरी के शुरुआत में ओमिक्रॉन का पीक हो सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के अस्पतालों में मौतों की संख्या कम होगी। मरे ने कहा कि अमेरिका में अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और मौतों की संख्या डेल्टा लहर जैसी नहीं होगी।