लखनऊ। यूपी (UP) की योगी सरकार (Yogi Government) ने रविवार को देर रात बड़ा एक्शन लेते हुए जहां 10 सीनियर आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है। वहीं दो को सस्पेंड भी कर दिया है। तीन स्लॉटर हाउस को गलत NOC देने और मनमाने तरीके से काम करने के मामले में एसीएस फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज, एनवायरमेंट, आईएएस मनोज सिंह (IAS Manoj Singh) को हटाकर वेटिंग लिस्ट में भेज दिया गया है।
पढ़ें :- इंदौर मेट्रो के अंडरग्राउंड हिस्से के निर्माण को लेकर इंतजार खत्म, कंपनी को चार साल में पूरा करना होगा निर्माण कार्य
देर रात अचानक से उन्हें उनके पद से हटा दिया गया और उनकी जगह अनिल कुमार तृतीय को वन और पर्यावरण के एक और प्रभार की जिम्मेदारी दी गई है। साल 1989 बैच के IAS मनोज सिंह अगले महीने 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं। उससे पहले ही देर रात उन्हें वन एवं पर्यावरण से हटाकर वेटिंग लिस्ट में कर दिया गया है। प्रमुख सचिव वन पर्यावरण को वेटिंग लिस्ट में भेजे जाने के मामले में असल वजह यह है कि एसओ वी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड उन्नाव, अल हक फूड्स प्राइवेट लिमिटेड उन्नाव और अल नासिर एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड गाजियाबाद इन तीन स्लॉटर हाउस को गलत तरीके से एनओसी दी गई थी।
मनोज सिंह के कार्यकाल में हुईं गड़बड़ियां
स्लॉटर हाउस (Slaughter House) को एनओसी देने में गड़बड़ियां सामने आने पर यह सभी कार्रवाई की गई हैं। बताया जा रहा है कि ये गड़बड़ियां उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष मनोज सिंह (Manoj Singh, the then chairman of the Uttar Pradesh Pollution Control Board) के कार्यकाल में हुई थी। इसलिए रविवार को शासन ने उन्हें भी अपर मुख्य सचिव वन के पद से हटाते हुए वेटिंग लिस्ट में कर दिया है। अगले महीने रिटायरमेंट से पहले मनोज सिंह कई ऐसे फैसले लेने के लिए दबाव डालकर नियमों में परिवर्तन करा रहे थे। शासन स्तर पर जब ऐसी कई गड़बड़ियों की बात सामने आई तब जाकर यूपी की ब्यूरोक्रेसी में ताकतवर आईएएस के खिलाफ कार्रवाई हुई।
इन दो अधिकारियों को किया सस्पेंड
पढ़ें :- यूपी में अवैध निर्माण पर योगी सरकार सख्त, बगैर NOC कृषि भूमि पर नहीं बन सकेंगे आवासीय और व्यवसायिक अपार्टमेंट
तीनों स्लॉटर हाउस (Slaughter House) को मनमाने ढंग से काम करने के लिए प्रमुख सचिव ने दबाव डालकर व्यवस्था में बदलवा कराया। इस मामले में मुख्य सचिव की ओर से मांगी गई रिपोर्ट में दोषी पाते हुए तत्कालीन मुख्य पर्यावरण अधिकारी विवेक राय (The then Chief Environment Officer Vivek Rai) को भी निलंबित किया गया है। विवेक राय के अलावा उन्नाव के क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. अनिल माथुर (Unnao Regional Officer Dr Anil Mathur) को भी सस्पेंड कर दिया गया है।