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सावन में मेहंदी का लगाना क्यों शुभ माना गया है, ये है Big secret

By Sudha 
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सावन आने में अभी कुछ दिन शेष हैं, पर अभी से हर तरफ हरियाली बिखर गई है। सावन महीना बहुत सारे त्यौहारों को लेकर आता है। यह महिलओं का सबसे प्रिय महीना होता है। सावन में हरियाली तीज एक ऐसा त्यौहार है जिसमें महिलायें हरी रंग की चीजे पहनती है फिर चाहे वह साड़ी हो लहंगा हो,या फिर चूड़ी। सबसे ज्यादा महिलाओं का ध्यान मेहंदी पर फोकस होता है। सावन में मेहंदी का सबसे ज्यादा महत्व होता है। मेहंदी के बिना महिलओं का हरियाली तीज सूनी रहेगी। मेहंदी के बिना हरियाली तीज अधूरी रहेगी। आइए जानते हैं हरियाली तीज के दिन मेहंदी और हरे रंग का संबंध शिव जी और माता पर्वती से किस तरह है।

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बतादें कि सावन माह को भोलेनाथ का महीना कहा जाता है। कहते है कि भगवान शिव का मां पार्वती से इसी महीने में प्रेम मिलन हुआ था। इस माह में हर ओर हरियाली ही हरियाली होती है। सावन में हरियाली तीज का व्रत होता है। जिसमें हाथों पर मेहंदी लगाना बहुत शुभ माना जाता है। माना जाता है कि माता पार्वती जब भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए प्रयास कर रही थी तब उन्होंने अपने हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाई थी। इस तरह महिलाएं भी पति के प्यार पाने की लालसा में हाथों में मेहंदी लगाती हैं। वहीं धार्मिक दृष्टिकोण ये है कि मेहंदी का संबंध शुक्र ग्रह से गहरा संबंध है क्योंकि शुक्र ग्रह सौंदर्य का कारक है और मेहंदी एक सौंदर्य प्रसाधन है। समाज में मेंहदी को लेकर ये भी माना जाता है कि अगर महिलाएं सुन्दरता बढ़ाने के लिए मेहंदी अपने हाथों पर लगाती है तो उसका शुक्र बलवान होता है जिससे वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है।

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