नई दिल्ली। कुश्ती संघ के अध्यक्ष के रूप में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष चुने जाने के बाद से विवाद जारी है। महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का एलान किया जबकि बजरंग पुनिया ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर पद्मश्री लौटाने का एलान कर दिया। अब इसको लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के नेता हनुमान बेनीवाल ने अब इसको लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, पहलवान बेटियों के साथ जब अन्याय हुआ, जब जंतर मंतर पर उन्होंने आंदोलन किया और अब जिस तरह आहत होकर कुश्ती छोड़ने और पद्मश्री लौटाने जैसे फैसले पहलवानों ने किए तो जाट सांसद और उप-राष्ट्रपति जी खामोश क्यों हैं?
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हनुमान बेनीवाल ने एक्स पर लिखा कि, भारतीय कुश्ती महासंघ में अपनी तानाशाही चला रहे एक बाहुबली सांसद पर लगे गंभीर आरोपों के बाद देश की पहलवान बेटियों द्वारा न्याय के लिए किए गए आंदोलन को केंद्र में बैठी BJP सरकार द्वारा अनदेखा किया गया। अब फिर से उसी सांसद के करीबी को कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनाने से आहत होकर देश के लिए अंतराष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करने वाली समाज की बेटी साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने का फैसला किया और पहलवान बजरंग पुनिया ने भी सरकार के तानाशाह रवैए से आहत होकर अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, अब प्रश्न यह उठता है की जब बंगाल के सांसद द्वारा देश के उप राष्ट्रपति जी की मिमिक्री करने की बात को देश की लोकसभा और राज्य सभा में बैठे भाजपा के जाट समाज के सांसद और खुद उप-राष्ट्रपति जी कौम का अपमान बता रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता और नेता उस मिमिक्री को जाटों का अपमान बता रहे तो क्या देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय पटल पर रोशन करने वाली पहलवान बेटियों के साथ जब अन्याय हुआ, जब जंतर मंतर पर उन्होंने आंदोलन किया और अब जिस तरह आहत होकर कुश्ती छोड़ने और पद्मश्री लौटाने जैसे फैसले पहलवानों ने किए तो जाट सांसद और उप -राष्ट्रपति जी खामोश क्यों है? उनको पहलवानो से जुड़े मामले में समाज का अपमान क्यों नजर नहीं आ रहा है?