लखनऊ। यूपी एसटीएफ सूबे में अपनी तेज तर्रार छवि और तुरंत कार्रवाई के लिए मशहूर है, लेकिन कमीशन खोर विनय पाठक के मामले में मजबूर नजर आ रही है। गिरफ्तारी के बचने के लिए हथकंडा अपनाते हुए छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बीते 15 नवंबर हाईकोर्ट उसकी याचिका खारिज कर चुका है। इसके अलावा एसटीएफ ने मेल-मेल का खेल -खेल रही है।, लेकिन कमीशन खोर पाठक उसका भी जवाब नहीं दे रहा है।
पढ़ें :- Priyanka Gandhi Oath: प्रियंका गांधी वाड्रा पहली बार बनीं सांसद; संविधान की प्रति लेकर लोकसभा में ली शपथ
इसके बाद भी उसकी गिरफ्तारी को लेकर लगातार संशय बरकरार है। जांच में तमाम अहम साक्ष्य जुटाने, एफआईआर में गंभीर धाराएं बढ़ाने के बाद भी एसटीएफ विनय पाठक के सामने लाचार नजर आ रही है। एक नोटिस और दो मेल भेजने के बाद भी आरोपित एसटीएफ के सामने पेश नहीं हुआ है। इतना ही नहीं एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही मोबाइल फोन बंद करके अंडरग्राउंड हो चुका हैं। वहीं, हाई कोर्ट से वीसी की याचिका खारिज होने के बाद गिरफ्तारी की पूरी भूमिका तैयार कर चुकी एसटीएफ ने पाठक को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया जा रहा था, लेकिन वह सामने नहीं आ रहा है ।
एकेटीयू की 2400 करोड़ की एफडी तुड़वाने और दूसरे बैंक में शिफ्ट करने में मोटे कमीशन से जुड़े मामले में राजधानी के एक क्लब के मालिक और पूर्व वित्तअधिकारी की भूमिका भी जांच के दायरे में है। दरअसल रकम के ट्रांसफर में बैंक से मिले कमीशन की रकम एक निजी कंपनी के खातों और एक पूर्व वित्त अधिकारी के कुछ करीबियों के खातों मैं ट्रांसफर हुई थी। यह राशि 14 करोड़ के आसपास बताई जा रही है। ऐसे में निजी फर्म के मालिक और पूर्व वित्त अधिकारी से भी कई बार पूछताछ की जा चुकी है।
विनय पाठक के बैंक खातों, विदेश यात्राओं के साथ ही करीबियों का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। पासपोर्ट मुख्यालय से भी विदेश यात्राओं से जुड़ी जानकारियां मांगी गई हैं। विनय जिस-जिस शहर में तैनात रहे वहां भी खरीदी गई संपत्तियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
पढ़ें :- Sarkari Naukari: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इन पदों पर निकाली भर्ती, कैंडिडेट्स ऐसे करें अप्लाई
एसटीएफ ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था वह भी हुआ फेल
एसटीएफ ने मेल करके 24 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया, लेकिन पाठक ने उसका भी जवाब नहीं दिया। अब एसटीएफ एक और नोटिस भेजने जा रही है। माना जा रहा है कि पाठक खुद के बचाव के लिए 25 नवंबर तक की समय सीमा चाहता है और उसी के अनुसार योजना बना रहा है। हाई प्रोफाइल मामला होने के कारण एसटीएफ भी फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। विवेचना से जुड़ी टीम वीसी विनय पाठक के खिलाफ साक्ष्यों की मजबूत कड़ियां बुन रही है ताकि कार्रवाई के लिए आधार में कोई कमी न रह जाए। इसके साथ ही गिरफ्तारी के लिए विधिक राय भी विनय पाठक ले रही है। दरअसल कुलपतियों की तैनाती राजभवन के जरिए होती है। ऐसे गिरफ्तारी से पहले इस बात को लेकर पूरी तैयारी की जा रही है कि कहीं कोई विधिक अड़चन न आए।