केरल। कांग्रेस अध्यक्ष पद की ताल ठोंकने जा रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot) का पद से मोह नहीं छूट रहा है। वह कांग्रेस की कमान संभालने के साथ राजस्थान की सत्ता अपने हाथ रखना चाहते हैं। दोनों पद पर काबिज होने की इच्छा जाहिर कर चुके गहलोत को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गुरुवार को बड़ा झटका दिया है। राहुल ने एक व्यक्ति एक पद फॉर्मुले की याद दिलाते हुए साफ कर दिया है कि यदि वह अध्यक्ष बनते हैं तो राजस्थान की कुर्सी खाली करनी होगी। माना जा रहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के इस रुख से सचिन पायलट (Sachin pilot) का रास्ता भी साफ हो सकता है।
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भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के दौरान कोच्चि में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जो कुछ कहा उसे अशोक गहलोत (Ashok Gehlot)के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि राजस्थान के उदयपुर में इसी साल चिंतन शिविर के दौरान लिए गए फैसलों, जिसमें ‘एक व्यक्त-एक पद’ शामिल है, को मानने की उम्मीद की जाती है। राहुल ने कहा कि हमने उदयपुर में जो फैसला किया, हम आशा करते हैं कि उस प्रतिबद्धता को कायम रखा जाएगा। राहुल से पूछा गया था कि क्या वह उदयपुर चिंतन शिविर (Udayapur Chintan Shivir) में लिए गए फैसले पर कायम हैं।
LIVE: Shri @RahulGandhi's interaction with the media amidst Kerala leg of the #BharatJodoYatra in Ernakulam district. https://t.co/MiZg1gJlbu
— Congress (@INCIndia) September 22, 2022
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जानें क्यों गहलोत को लगेगा बड़ा झटका
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ओर से ‘एक व्यक्त-एक पद’ पर कायम रहने की बात कहना अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। गहलोत ने खुलकर अपनी इच्छा जाहिर की है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष चुने जाने पर भी राजस्थान में मुख्यमंत्री के पद पर बने रहना चाहेंगे। गहलोत ने बुधवार को दिल्ली में अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले कहा कि पार्टी यदि चाहेगी तो वह अध्यक्ष पद पर चुनाव के लिए न नहीं कहेंगे। यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस अध्यक्ष बन जाने की स्थिति में वह मुख्यमंत्री भी बने रहेंगे तो उन्होंने एक मिसाल देते हुए कहा कि अगर किसी राज्य का मंत्री कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में खड़ा होता है तो वह मंत्री बना रह सकता है और चुनाव भी लड़ सकता है।
सचिन पायलट को अब मिलेगा सब्र का मीठा फल?
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि वह अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं। ऐसे में अब तक जिन लोगों की दावेदारी सामने आई है, उनमें अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सबसे मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो थरूर के पर गहलोत भारी पड़ेंगे, जिन्हें अपने गृहराज्य से भी समर्थन नहीं मिल रहा है। गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की प्रबल संभावना की वजह से राजस्थान में भी बदलाव की अटकलें तेज हैं। ऐसे में सवाल यह भी है कि क्या अब सचिन पायलट (Sachin pilot) को सब्र का इनाम मिलेगा? पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin pilot) लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, जिसके लिए खुद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पिछले दिनों उनकी तारीफ की थी।
तो पायलट का रास्ता रोकेंगे गहलोत?
अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin pilot) की कटुता किसी से छिपी नहीं है। अक्सर दोनों एक दूसरे पर शब्दबाण चलाते आए हैं। गहलोत कई बार खुलकर सचिन पायलट पर भाजपा के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने की कोशिश का आरोप लगा चुके हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो अशोक गहलोत को यदि राजस्थान में कुर्सी छोड़नी भी पड़ती है तो वह इस पर अपने किसी करीबी को बैठाना चाहेंगे। वह पायलट के नाम पर अभी भी सहमत नहीं हैं।