लखनऊ : यूपी की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ में विश्वविद्यालय से संबद्ध संस्थानों को नैक एक्रेडिटेशन हेतु मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला नैक संकल्प का शुभारंभ हुआ। कार्यशाला में उपस्थित संस्थाओं के प्राचार्यों व निदेशकों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में नैक मूल्यांकन को लेकर एक माहौल विकसित हुआ है। विश्वविद्यालय नैक में उत्कृष्ट ग्रेडिंग पा रहे हैं। यह परिणाम काफी प्रयास और परिश्रम के बाद मिलना शुरू हुआ है। अब संबद्ध संस्थानों को भी नैक से अच्छी ग्रेडिंग पाने के लिए तैयारी करने की जरूरत है। ऐसे में यह कार्यशाला विश्वविद्यालय की एक अच्छी पहल है।
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नैक में ग्रेडिंग पाने के लिए सबसे पहले कुछ करने का संकल्प लेना होगा। यह संकल्प ही कार्यसिद्धी में सहायक बनेगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में कार्यरत सभी अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी के अनुसार कार्यों का पता होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नैक मूल्यांकन हेतु सभी मापदंडों पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इस क्रम में राज्यपाल ने नैक में उच्च ग्रेडिंग हेतु एसएसआर रिपोर्ट तैयार करने में फोटोग्राफ का महत्व, मेंटर-मेंटी की महता, शोध और पेटेंट में प्रदर्शन आदि के बारे में बहुमूल्य सुझाव दिए एवं साथ ही पेटेंट के वाणिज्यीकरण की आवश्यकता पर बल दिया।
राज्यपाल ने कहा कि संस्थान में अध्यनरत विद्यार्थियों का फीडबैक लेकर उनकी शिकायतों का समय से निस्तारण किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को क्लासरूम के अलावा ऑनलाइन लेक्चर तैयार कर उसे जारी करना चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थी उसका लाभ उठा सकें। उन्हांेने कहा कि विश्वविद्यालय के व्याख्यान रुचिकर हो तथा विश्वविद्यालय के साथ विद्यार्थियों की आत्मीयता बनी रहे। कुलाधिपति ने महीने में एक बार विश्वविद्यालय और संस्थानों द्वारा विविध शैक्षणिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन व शिक्षकों व विद्यार्थियों की सहभागिता को आवश्यक बताया।
राज्यपाल ने तकनीकी विश्वविद्यालयों को उद्योग आधारित नए पाठ्यक्रम चलाने व प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि संस्थाओं की नैक टीम में महिलाओं, युवाओं व विद्यार्थियोें को शामिल किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय दो महीने बाद अपने 10-10 सम्बद्ध संस्थानों के नैक प्रस्तुतिकरण की समीक्षा करें।
इस अवसर पर पूर्व निदेशक नैक प्रो. एएन राय ने नैक मूल्यांकन व एक्रीडिटेशन हेतु परिचयात्मक सत्र का प्रस्तुतीकरण दिया। प्रो. राय ने बताया कि नैक वस्तुतः विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों का एकेडमिक ऑडिट है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षा संस्थानों में शिक्षा की प्रतिशतता के साथ-साथ गुणवत्ता भी बढ़ानी चाहिए। कार्यशाला में नैक मूल्यांकन हेतु सभी सात मापदण्डों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया।
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नैक मूल्यांकन हेतु मापदंडों में पाठ्यक्रम संबंधी पहलू व अनुसंधान, परामर्श और विस्तार पर प्रोफेसर वीके गोले, शिक्षण अधिगम और मूल्यांकन, छात्र समर्थन और प्रगति एवं शासन, नेतृत्व और प्रबंधन पर प्रोफेसर नरेश के पटेल, बुनियादी ढांचा और शिक्षण संसाधन पर प्रो. के रमा, संस्थागत मूल्य और सर्वाेत्तम प्रथा पर प्रोफेसर वंदना के. दीक्षित ने प्रस्तुतीकरण दिया। कार्यशाला में लखनऊ, बांदा, झांसी, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, कन्नौज, मैनपुरी, बाराबंकी, बरेली, रायबरेली, सीतापुर, शाहजहाँपुर के 193 संस्थाओं के निदेशक व आई.क्यू.ए.सी. के समन्वयकों ने हिस्सा लिया।
इस अवसर पर कुलपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय प्रो. जयप्रकाश पांडेय, धर्म सिंह देसाई विश्वविद्यालय, गुजरात के डीन प्रो. नरेश के पटेल, मदन मोहन मालवीय तकनीकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर से प्रोफेसर वीएल गोले, एचबीटीयू कानपुर से प्रो. वंदना के दीक्षित, कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़ी नैक बेंगलुरु की पूर्व एडवाइजर प्रोफेसर के रमा, सम्बद्ध संस्थाओं के निदेशक गण, व आईक्यूएसी प्रमुख आदि उपस्थित थे।