लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए चेन स्नैचिंग की घटना हमेशा से बड़ी चुनौती रही है। जिला हो या शहर इस समस्या से महिलाओं को लगातार जूझना पड़ता है, लेकिन अब योगी सरकार ने इस अपराध पर अंकुश लगाने के लिए बड़ी तैयारी कर ली है।
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बता दें कि यूपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी में चेन स्नैचिंग की वारदातों पर बड़ा फैसला लिया गया है। यूपी में चेन स्नैचिंग पर 3 से 14 वर्ष सजा की सिफारिश की गई है। विधि आयोग ने धारा 410 में चोरी के साथ स्नैचिंग शब्द को जोड़ने की सिफारिश की है। राज्य विधि आयोग ने यूपी सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है।
माना जा रहा है कि सजा की सिफारिश के बाद सरकार इस पर जल्द निर्णय लेगी।
दावा है कि इस अपराध में सजा के प्रावधान से पुलिस को कार्रवाई में सहायता मिलेगी। वहीं महिलाएं भी सुरक्षित होंगीं। बता दें कि कानून में चेन स्नैचिंग जैसे अपराध के लिए अलग से प्रावधान नहीं है। विधि आयोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रिपोर्ट रखेगा। राज्य विधि आयोग का मानना है कि स्नैचिंग के दौरान लूटे गए माल को बाजार में बेच दिया जाता है। इसे फौरन गला दिया जाता है, जिससे रिकवरी की संभावनाएं और कम हो जाती हैं। बिना रिकवरी सजा भी कम हो जाती है। आयोग ने आईपीसी की धारा 411 से 413 तक में संशोधन कर छीनी गई संपत्ति, ऐसी संपत्ति खरीदने वाले लोगों को भी आरोपी बनाने और उनके लिए भी सजा का प्रावधान करने की सिफारिश की है।
रिपोर्ट में विधि आयोग ने कहा है कि चेन स्नैचिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए भारतीय दंड संहिता में संशोधन के लिए विधानसभा सक्षम है। अनुच्छेद 245 के तहत उत्तर प्रदेश विधानमंडल आईपीसी की धारा 379-ए और 379-बी को लागू करने में सक्षम है। प्रदेश में चेन स्नैचिंग का अलग से कानून नहीं होने के कारण विधानसभा में क्रिमिनल लॉ संशोधन बिल को पारित कराकर इसे लागू किया जा सकता है।
ये है सिफारिश?
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धारा 379-ए के तहत सामान्य रूप से चेन स्नैचिंग अपराध के लिए कम से कम 3 से 10 साल तक कारावास व जुर्माने की सजा
धारा 379-बी के तहत चेन स्नैचिंग के दौरान संबंधित महिला, बच्चे या व्यक्ति से मारपीट करने, गंभीर रूप से चोटिल करने, हत्या करने के अपराधी को 5 वर्ष से 14 वर्ष तक की सजा देने की सिफारिश।