लखनऊ। यूपी बोर्ड (UP Board) ने मंगलवार को इतिहास रचते हुए 100 साल में पहली बार 25 अप्रैल को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी किया था। तो वहीं राजधानी लखनऊ के एल्डिको उद्यान टू के रहने वाले 12 वर्षीय छात्र राष्ट्रम आदित्य श्रीकृष्ण (Rashtram Aditya Shri Krishna) ने भी यूपी बोर्ड (UP Board) की परीक्षा में नया कीर्तिमान गढ़ा (Created Unique History)है।
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बता दें कि 12 साल की उम्र राष्ट्रम आदित्य श्रीकृष्ण (Rashtram Aditya Shri Krishna) ने इंटरमीडिएट परीक्षा (Intermediate Examination) में 54.4 फीसदी से अधिक नंबर लाकर सबको चौंका दिया है। जिस बोर्ड परीक्षा को देने में अच्छे-अच्छे विद्यार्थियों के पसीना छूट जाता है, वहीं राष्ट्रम आदित्य श्रीकृष्ण (Rashtram Aditya Shri Krishna) ने यह परीक्षा घर पर ही पढ़ाई कर उत्तीर्ण की है। बता दें इस मेधा के धनी छात्र को मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद यूपी बोर्ड में प्रवेश मिला था, जिसके बाद छात्र सबसे कम उम्र में इंटर की परीक्षा पास करने के साथ ही, सबसे कम उम्र में ग्रेजुएशन में प्रवेश लेने का रिकॉर्ड बनाने जा रहा है।
बता दें कि इससे पहले यह रिकाॅर्ड छात्रा सुषमा वर्मा के पास था, जिसने 13 वर्ष की उम्र में लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) में स्नातक में प्रवेश लिया था। छात्र राष्ट्रम आदित्य श्रीकृष्ण (Rashtram Aditya Shri Krishna) ने बताया कि ‘वह अब आगे चलकर चार्टर्ड अकाउंटेंट बनना चाहता है, इसके लिए वह प्रवेश परीक्षा देने की तैयारी कर रहा है, उसकी रुचि फाइनेंस व अर्थशास्त्र में है।
तीन साल की उम्र में दिखी प्रतिभा
राष्ट्रम आदित्य श्रीकृष्ण (Rashtram Aditya Shri Krishna) के पिता प्रो. पवन कुमार आचार्य ने बताया कि ‘जब उनका बेटा 3 साल का था तो वह रूबिक्स क्यूब को चंद सेकेंड में सॉल्व कर देता था। जिसके बाद उन्हें अपने बेटे के अंदर कुछ अलग टेलेंट होने का पता चला। शुरुआत में उन्होंने अपने बच्चे की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल (Delhi Public School) में करवाई। जब वह 7 वर्ष का था तो वह आसानी से जनरल नॉलेज, सोशल साइंस व दूसरे विषयों को समझ लेता था। अपने बेटे के इसी टैलेंट को देखते हुए उन्होंने स्कूल प्रिंसिपल से इसे आगे की कक्षा में प्रमोट कर प्रवेश देने की बात कही, जिसे प्रिंसिपल ने सिरे से खारिज कर दिया। प्रोफेसर आचार्य ने बताया कि ‘इसके बाद उन्होंने सीबीएसई (CBSE)के चेयरमैन को इस संबंध में पत्र लिखा और अपने बच्चे को कक्षा 9 में प्रवेश दिलाने का आग्रह किया।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दी थी विशेष अनुमति
उन्होंने बताया कि ‘सीबीएसई ने अपने नियमों का हवाला देते हुए इतने कम उम्र के बच्चे को कक्षा 9 में प्रवेश देने से साफ इनकार कर दिया। ऐसा ही रिस्पांस उन्हें सीआईएससीई (CISE)बोर्ड से भी मिला। जब इन दोनों केंद्रीय बोर्ड ने बच्चे को नवीं कक्षा में प्रवेश देने से मना कर दिया तो माध्यमिक शिक्षा परिषद की तत्कालीन सचिव नीना श्रीवास्तव से मुलाकात की और उन्होंने भी नियमों का हवाला देते हुए साफ तौर पर इंकार कर दिया। जिसके बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा को पत्र लिखा और सारी जानकारियां उनसे साझा की । पूर्व उपमुख्यमंत्री ने मेरे पत्र को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखा, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने बच्चे को नियम में शिथिलता बरते हुए नौवीं कक्षा में प्रवेश देने की अनुमति दी। साल 2018 में जब मेरा बेटा उस समय साढ़े आठ साल का था तो उसे एमडी शुक्ला स्कूल में कक्षा 9वीं में प्रवेश मिल गया। इसके बाद वह वहीं से प्रवेश लेकर लगातार पढ़ाई कर रहा था। उसकी ज्यादातर पढ़ाई घर पर ही हुई है। आज चार साल के बाद उसने करीब 12 साल की उम्र में इंटरमीडिएट की परीक्षा पास कर ली है।
यूट्यूब से 12वीं की पढ़ाई की
प्रो. पवन कुमार आचार्य ने बताया कि ‘मेरी पत्नी एक स्कूल टीचर रही हैं। उन्होंने हाईस्कूल तक के बच्चों की गणित की क्लास ली है, लेकिन जब बेटा 12वीं में पहुंचा तो गणित विषय उनके लिए थोड़ा सा मुश्किल हुआ। उन्होंने अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए यूट्यूब व दूसरे माध्यमों से खुद इंटर के गणित के विषयों को समझा और फिर बाद में उसे अपने बच्चे को पढ़ाया। मां रिचा पवन ने बताया कि ‘बच्चे को घर पर ही क्लासेस करवाया है। कभी सुबह दो घंटा तो कभी शाम को, इस तरह से बच्चे को पढ़ाया है। उसने जो भी कुछ पढ़ा है वह घर पर ही मेरे द्वारा पढ़ाया गया है। मैंने उसे पहले हाईस्कूल की परीक्षा की तैयारी कराई, इसके बाद इंटर परीक्षा की तैयारी के लिए मैंने खुद ही यूट्यूब और दूसरे माध्यमों से इंटर के सिलेबस को पूरा किया था, फिर अपने बच्चे को पढ़ाया है।