5G Spectrum Auction : केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी (5G Spectrum Auction) को बुधवार को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई महीने के अंत तक की जाएगी। सरकार ने स्पेक्ट्रम पर एक ऐसा भी फैसला लिया है, जिससे मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस जियो (Reliance Jio) , सुनील मित्तल (Sunil Mittal) की एयरेटल ( Airtel) जैसी दिग्गज टेलीकॉम कंपिनयों को तगड़ा झटका लगा है।
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रिजर्व प्राइस में बदलाव नहीं
बता दें कि 5जी स्पेक्ट्रम (5G Spectrum) के रिजर्व प्राइस में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि टेलीकॉम कंपनियां लगातार रिजर्व प्राइस में कटौती की मांग कर रही थीं। भारती एयरटेल ने तो यहां तक कह दिया था कि यदि रिजर्व प्राइस ऊंचा रहता है, तो वह 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली नहीं लगाएगी।
ट्राई ने भी की थी सिफारिश
टेलीकॉम कंपनियों की मांग पर दूरसंचार नियामक ट्राई ने भी 5जी स्पेक्ट्रम के लिए रिजर्व प्राइस में 39 फीसदी तक की कटौती की सिफारिश की थी। हालांकि, सरकार ने रिजर्व प्राइस स्थिर रखा है।
बता दें कि स्पेक्ट्रम की नीलामी में रिजर्व प्राइस प्रति मेगाहर्ट्ज के हिसाब से तय होता है। इसका बोझ टेलीकॉम कंपनियों पर पड़ता है। यही वजह है कि रिजर्व प्राइस में कटौती की मांग की जा रही है।
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नीलामी में सफल बोली दाताओं को एडवांस भुगतान करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी
हालांकि, नीलामी में सफल बोली दाताओं को एडवांस भुगतान करने की कोई अनिवार्यता नहीं होगी, ऐसा पहली बार हो रहा है। स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान 20 बराबर सालाना किस्तों में किया जाएगा और ये अग्रिम किस्तें प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में देनी होगी। इसके अलावा बोली दाताओं को 10 वर्ष के बाद स्पेक्ट्रम वापस करने का विकल्प भी दिया जाएगा।