सीरिया के होम्स शहर में रविवार को धार्मिक अल्पसंख्यक अलवी समुदाय के प्रदर्शनकारियों और विरोधी पक्ष के बीच झड़पों में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई वहीं कई लोग घायल हैं। स्वस्थ अधिकारियों ने ये जानकारी दी।
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होम्स शहर में एक अलवी मस्जिद में नमाज के दौरान हुए बम धमाके में आठ लोगों की मौत और 18 लोगों के घायल होने की घटना के दो दिन बाद ये झड़प हुईं। हजारों प्रदर्शनकारी लजीकिया, तरतूस और अन्य स्थानों पर एकत्र हुए थे। सीरिया के सरकारी टेलीविजन न्यूज़ ने बताया कि तरतूस क्षेत्र में थाने पर हथगोला फेंके जाने से सुरक्षा बलों के दो सदस्य घायल हो गए। वहीं लजीकिया में सुरक्षा बलों की गाड़ियों में आग लगा दी गई। बाद में सरकारी समाचार एजेंसी सना ने खबर दी कि सुरक्षा बल का एक सदस्य गोलीबारी में मारा गया। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में तीन लोग मारे गए और 60 लोग घायल हुए हैं।
अलवी संप्रदाय के लोगों को निशाना बनाना चाहते थे कट्टरपंथी
अधिकारियों के अनुसार प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिला है कि शुक्रवार के बम हमले में होम्स की मस्जिद में विस्फोटक उपकरण लगाए गए थे, लेकिन संदिग्ध की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। मृतकों के अंतिम संस्कार शनिवार को किए गए। खुद को सराया अंसार अल-सुन्ना कहने वाले कम चर्चित समूह ने अपने टेलीग्राम चैनल पर एक बयान में हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमे संकेत दिया गया कि हमला अलवी संप्रदाय के सदस्यों को निशाना बनाने के लिए किया गया था।
गाड़ियों में लगा दी गई आग
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रविवार के प्रदर्शन का आह्वान विदेश में रहने वाले अलवी शेख गजल गजल ने किया था। वह ‘सुप्रीम अलवाइट इस्लामिक काउंसिल’ के प्रमुख हैं। एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के एक फोटोग्राफर ने लजीकिया में देखा कि सरकार समर्थक प्रतिपक्षी प्रदर्शनकारी अलवी प्रदर्शनकारियों पर पत्थर फेंक रहे थे। सुरक्षा बलों ने दोनों पक्षों को अलग करने की कोशिश की और उन्हें तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं।