6 June 2021 रविवार को एकादशी 07:36:00 तदोपरांत द्वादशी है। एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं। रविवार को भगवान सूर्य को तांबे के बर्तन में लाल चंदन गुण और लाल पुष्प को डालकर अर्घ्य देना चाहिए। रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पानी या घी खाकर निकले। एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है।
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विशेषः- रविवार को भगवान सूर्य को तांबे के बर्तन में लाल चंदन गुण और लाल पुष्प को डालकर अर्घ्य देना चाहिए।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- उत्तरायण
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ऋतुः- ग्रीष्म ऋतु
मासः- ज्येष्ठ माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- एकादशी 07:36:00 तदोपरांत द्वादशी
तिथि स्वामीः- एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं तथा द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी हैं।
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नक्षत्रः- अश्विनि 03:48:00तक तदोपरान्त भरणी नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- अश्विनि नक्षत्र के स्वामी केतु देव हैं तथा भरणी नक्षत्र के स्वामी शुक्र देव जी हैं।
योगः- शोभन 04:33:00 तक तदोपरान्त अतिगंड
दिशाशूलः- रविवार को पश्चिम दिशा की यात्रा नहीं करना चाहिए यदि यात्रा करना आवश्यक हो तो घर से पानी या घी खाकर निकले ।
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 03:48:00 P.M से 05:33:00 P.M बजे तक।
राहुकालः- राहुकाल 05:32:00 P.M से 07:16:00 P.M बजे तक।
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तिथि का महत्वः- एकादशी तिथि में चावल एवं सेम नहीं खाना चाहिए यह तिथि उपवास, धार्मिक कृत्य उद्यापन तथा कथा एकादशी में शुभ है।