फतेहपुर। यूपी के फतेहपुर में रेलवे डिपार्टमेंट से सेवानिवृत्त अब्दुल जमील (Abdul Jameel) ने गुरुवार को हिंदू धर्म अपना लिया है। फतेहपुर के हनुमान मंदिर पहुंचकर उन्होंने बकायदा मंत्रोच्चारण के साथ आचार्यों की मौजूदगी में विधि-विधान से सनातन धर्म (Sanatan Dharma) अपनाया है।
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फतेहपुर के हनुमान मंदिर पहुंचकर उन्होंने बकायदा मंत्रोच्चारण किया और आचार्यों की मौजूदगी में विधि-विधान से सनातन धर्म अपनाया। इसी के साथ अब अब्दुल जमील का नया नाम 'श्रवण कुमार' हो गया है। pic.twitter.com/fjH1O0tktO
— santosh singh (@SantoshGaharwar) July 22, 2022
इसी के साथ अब अब्दुल जमील (Abdul Jameel) का नया नाम ‘श्रवण कुमार’ (Shravan Kumar) हो गया है। बताया जा रहा है कि बीते गुरुवार ही अब्दुल ने बकायदा दीक्षा ग्रहण की है। हालांकि, उनके परिवार वाले उनके इस कदम से नाराज़ थे, लेकिन अब्दुल की आस्था हमेशा से ही सनातन धर्म में थी, जिससे प्रेरित होकर वह उन्होंने हिंदू धर्म को अपना बना लिया।
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अब्दुल जमील ने पूरे रीति-रिवाज के साथ जनेऊ धारण किया और हिंदू धर्म अपना लिया है। इस्लाम धर्म छोड़ने के बाद अब्दुल जमील का नया नाम श्रवण कुमार रखा गया है। इस दौरान मंदिर में मौजूद पंडितों ने फूलमाला पहनकर उनका स्वागत किया। अब्दुल जमील के मुताबिक, वह काफी दिनों से हिंदू धर्म अपनाने की कोशिश कर रहा था और अंतरात्मा की आवाज सुनकर हिंदू धर्म अपनाया है। जब इस बात की भनक कट्टरपंथियों को लगी तो उसे काफी विरोध का भी सामना करना पड़ा।
कट्टरपंथियों ने उसे तरह-तरह की यातनाएं देकर प्रताड़ित भी किया है। इसके बावजूद भी मैंने अपने मनोबल और आत्मविश्वास को नही टूटने दिया और आज शहर के हनुमान मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन-पूजन कर मैंने हिंदू धर्म अपना लिया है। अब्दुल जमील (Abdul Jameel) ने रेलवे में मुख्य आरक्षण पर्वेक्षक के पद पर 20 साल की नौकरी उसने फतेहपुर जिले में किया। उसके बाद उसका ट्रांसफर शिकोहाबाद हो गया। जहां उसने 18 साल की नौकरी के बाद रिटायर हुआ। अब्दुल हामिद की तीन बेटियां व एक लड़का है। उसकी पत्नी अपनी बेटियों के साथ लखनऊ में रहती है। वह अपने ससुराल में रहता है। अब्दुल जमील ने कहा कि वह अपने धर्म की कुरीतियों से आजिज आकर हिंदू होने का फैसला किया है।
अब्दुल जमील ने बताया कि पूर्वज हुआ करते थे राजपूत
मीडिया से बात करते हुए अब्दुल जमील ने बताया कि वह हमेशा से ही सनातन धर्म को पसंद करते थे। इसी धर्म में उनकी आस्था रही है। उनका कहना है कि उनके पूर्वज राजपूत हुआ करते थे। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता अब्दुल हामिद बेग को कुछ लोगों ने जमीन जायदाद और सुंदर कन्या से निकाह का लालच दिया और उनका धर्म परिवर्तित करवा दिया। इसके बाद से ही उनका परिवार मुस्लिम धर्म मानने लगा। हालांकि, अब्दुल जमील खुद हमेशा सनातन धर्म में ही आस्था रखते हैं। इसलिए बीते 10 साल से सनातन रीति-रिवाज का पालन कर रहे हैं । होली-दीपावली जैसे पर्व मना रहे हैं।
घर वापसी करने वालों का हमेशा स्वागत
हिंदू महासभा के प्रदेश महामंत्री मनोज त्रिवेदी का कहा कि दुनिया का सबसे प्राचीन धर्म सनातन ही है। यह आदि अनादि होने के साथ दया भाव से पूर्ण है भी है। इस धर्म में वापसी करने वालों का हमेशा स्वागत है।