कैनबरा: बंदूखों के बल पर कब्जा जमाने वाले तालिबान (Taliban) की कूरता कम नहीं हो रही है। पिछले तीनो दिनों से अफगानिस्तान में तालीबानी अत्याचार (Taliban atrocities) चरम पर है। तालिबानी लड़ाके, बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, प्रवासी सबको ढूंढ कर उन पर जुल्म कर रहा है। अफगानिस्तान में हो रही हिंसा और खून खराबे के बीच तालिबान के खिलाफ अफगानी नागरिक सड़कों पर उतर कर विरोध में हल्ला बोल दिया है। खबरों के अनुसार,ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को कहा कि तीसरे निकासी विमान के बाद काबुल से ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के 160 से अधिक नागरिकों को निकाला जा चुका है।
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मॉरिसन ने कहा कि अफगानिस्तान में 20 साल तक चले युद्ध के दौरान ऑस्ट्रेलिया की मदद करने वाले अफगान लोगों और ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को मिलाकर 60 लोगों को रात में विमान के जरिए संयुक्त अरब अमीरात भेजा गया।
खबरों के अनुसार, पहला ऑस्ट्रेलियाई विमान 94 लोगों को लेकर शुक्रवार को पश्चिमी तटीय शहर पर्थ में उतरा। मॉरिसन के अनुसार ऑस्ट्रेलिया काबुल विमानपत्तन के अतिरिक्त अफगानिस्तान के अन्य हिस्सों से लोगों को नहीं निकाल सका। मॉरीसन के अनुसार, ‘‘काबुल के हालात अभी उथल-पुथल वाले हैं।’’