Afghanistan Crisis: काबुल:अफगानिस्तान (Afghanistan) में कब्जे के बाद तालिबान (Taliban) सरकार बनाने की तैयारी में जुटा है। कब्जे के बाद पूरे देश में अफरा-तफरी का माहौल है। लोग देश छोड़ने की कोशिश में है। इसका फायदा दूसरे आतंकी संगठन भी उठा रहे हैं। खबरों के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) के नॉर्थ गेट पर सोमवार को अफगानी सैनिकों और अज्ञात हमलावरों के बीच गोलाबारी हुई है। इसमें एक अफगानी सैनिक मारा गया, जबकि तीन सैनिक घायल हुए हैं। इस लड़ाई में अमेरिकी और जर्मन सेनाएं भी शामिल थीं। बता दें कि काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा अभी यूएस आर्मी के पास है।
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तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने बाद काबुल एयरपोर्ट पर अफरा तफरी के माहौल बन गया। कई हजार लोग देश छोड कर जाने के लिए एयरपोर्ट पर जमा होने लगे। इस बीच कई बार फायरिंग की घटनाएं हुई हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में भी काबुल एयरपोर्ट पर देश छोड़ने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी और तब भी भगदड़ मच गई थी।इस बीच फायरिंग हुई थी, जिसमें कम से कम 5 लोगों की मौत हुई।रविवार को दोबारा फायरिंग हुई। ब्रिटिश सेना के मुताबिक, इसमें 7 लोगों की जान गई है।
अफगानिस्तान के 34 में से 33 प्रांत तालिबान के कब्जे में आ गए हैं। सिर्फ पंजशीर रह गया है। पंजशीर (Panjshir) में तालिबान से जंग जारी है। एक तरफ जहां राष्ट्रपति अशरफ गनी काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़कर फरार हो गए। वहीं उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Vice President Amrullah Saleh) अपने गढ़ यानी पंजशीर प्रांत (Panjshir Province) चले गए।
अफगानिस्तान के कई ऐसे इलाके हैं जहां के लोग इस खूंखार आतंकी संगठन के खिलाफ विद्रोह का झंडा उठाए हुए हैं। इन्हीं में से एक है नॉर्दन अलायंस (Northern Alliance) के पूर्व कमांडर अहमद शाह मसूद (Former Commander Ahmed Shah Masood) का गढ़ पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) है।