काबुल: तालिबानी क्रूरता (Taliban brutality) की निशानियों ने समूचे विश्व को हतप्रभ कर दिया है। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर बंदूखों के बल पर कब्जा जमाने वाले तालिबान को संपूर्ण वैश्विक विरादरी (entire global community) में आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। तालिबानी आतंक की खबरें पूरी मानवता को डरा रही है। अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान विश्व को भरोसा दिलाना चाहता है कि वह अफगानिस्तान में अपना का शासन देगा, लेकिन तालिबाान की बातों पर किसी को विश्वास नहीं हो रहा है। अफगान पर जबरन कब्जे के बाद विश्व के देशों ने अभी तक अफगानिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक मदद पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया है।
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राष्ट्रपति अशरफ गनी बेशक देश छोड़कर भाग गए हों, मगर उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह (Vice President Amarulla Saleh) अभी भी तालिबान से लड़ाई लड़ रहे हैं। खबरों के अनुसार,उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Vice President Amrullah Saleh) अपने गढ़ यानी पंजशीर प्रांत (Panjshir Province) चले गए।
Nations must respect the rule of law , not violence. Afghanistan is too big for Pakistan to swallow and too big for Talibs to govern. Don't let your histories have a chapter on humiliation and bowing to terror groups. https://t.co/nNo84Z7tEf
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 19, 2021
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इस बीच अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति और कार्यवाहक राष्ट्रपति अमुरुल्ला सालेह ने ट्वीट करके तालिबान को चेताया है। सालेह ने कहा- ‘अफगानिस्तान इतना बड़ा है कि न तो पाकिस्तान इस तक पहुंच सकता है और न ही तालिबान शासन कर सकता है। राष्ट्र को कानून के शासन का सम्मान करना चाहिए। हिंसा का समर्थन नहीं।’
अफगानिस्तान (Afghanistan) में काबुल (Kabul) सहित देश के अधिकतर हिस्सों पर तालिबान (Taliban) का कब्जा हो चुका है। कब्जे के बाद तालिबान (Taliban) सरकार बनाने की तैयारी में जुटा है।