Afghanistan crisis: अफगानिस्तान (Afghanistan) में काबुल (Kabul) सहित देश के अधिकतर हिस्सों पर तालिबान (Taliban) का कब्जा हो चुका है। कब्जे के बाद तालिबान (Taliban) सरकार बनाने की तैयारी में जुटा है। राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए है। तालिबान नेता अनस हक्कानी ने बुधवार को अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई से मुलाकात की। खबरों के अनुसार इस बैठक में अफगानिस्तान में नई सरकार के गठन को लेकर बातचीत की गई। इसी बीच अमेरिका ने तालिबान को आर्थिक चोट पहुंचाई है। अमेरिका ने अफ़ग़ान सेंट्रल बैंक के क़रीब 9.5 अरब डॉलर की संपत्ति ज़ब्त कर ली है। अफगान सेंट्रल बैंक की ये संपत्ति अमेरिका फेडरल रिजर्व और अमेरिका की वित्तीय संस्थानों के पास है।अब तालिबान इस संपत्ति का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
पढ़ें :- Merry Christmas: राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने देशवासियों को दी क्रिसमस की बधाई; शेयर किया खास वीडियो
अफगानिस्तान में कब्जे के बाद तालिबान का आतंक जारी है। अफगानिस्तान के राष्ट्रीय झंडे को दफ्तरों पर लगाए रखने की मांग की जा रही थी। अफगानिस्तान के जलालाबाद में तालिबानी लड़ाकों द्वारा सड़क पर ओपन फायरिंग की गई है।
काबुल एयरपोर्ट पर भी लोग यहां से निकलने की आस में भीड़ लगाए बैठे हैं और तालिबानी लगातार गोलीबारी कर इन्हें काबू में करने की कोशिशों में हैं। देश की राजधानी में हर तरफ तालिबानी बंदूके लिए नजर आ रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को देश का केयरटेकर प्रेसिडेंट घोषित कर दिया है। सालेह की घोषणा का असर ताजिकिस्तान में भी दिखा। ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे स्थित अफगानिस्तान के दूतावास ने अशरफ गनी की तस्वीर को उखाड़ फेंका है। उनकी जगह पर अब अमरुल्ला सालेह की तस्वीर लगा दी है। इसके बगल में ही पंजशीर प्रांत के शेर कहे जाने वाले कमांडर अहमद शाह मसूद की भी तस्वीर लगाई गई है।