लखनऊ। आगरा में हुए ऑक्सीजन कांड को लेकर यूपी सरकार ने श्री पारस अस्पताल प्रशासन पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल को डीएम के आदेश पर सील कर दिया गया। इसके साथ ही अस्पताल के संचालक पर महामारी एक्ट के तहक केस दर्ज करने के निर्देश दिए गए है।
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वहीं, प्रमुख सचिव गृह ने भी अस्पताल प्रशासन पर मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में अब सवाल उठाता है कि आखिरी किसकी सह पर अस्पताल प्रशासन ने इतना बड़ा कदम उठाया था। बता दें कि, पारस अस्पताल का एक वीडियो वायरल हुआ है।
इसमें ऑक्सीजन संकट में मॉक ड्रिल से पांच मिनट में 22 गंभीर मरीजों के मौत की बात कही जा रही थी। वीडियो में हॉस्पिटल के संचालक एक शख्स बोलता है कि 22 लोग मर गए थे। यह पूरी बातचीत 26/27 अप्रैल को सामने आए ऑक्सीजन संकट के संदर्भ में है। वहीं, मामला तूल पकड़ते ही कांग्रेस सरकार को घेरने में जुट गई है।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के ट्वीट के बाद आगरा में कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार को पारस अस्पताल के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी नेताओं ने न्यू आगरा थाने में अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ तहरीर दी है।
बता दें कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में जब कोरोना की दूसरी लहर चरम पर थी, तब आगरा के अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट गहरा गया था। उसी दौरान भगवान टॉकीज चौराहे पर स्थित पारस अस्पताल में 26 अप्रैल की सुबह ऑक्सीजन बंद कर मॉकड्रिल की गई थी। उन भयावह पलों को बयान करते छह मिनट के चार वीडियो सोमवार को वायरल हुए।
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