लखनऊ। यूपी में आगामी विधानसभा चुनाव (UP Assembly elections) से पहले ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। शुक्रवार को बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Supremo Mayawati) ने मुख्तार अंसारी को जहां टिकट देने से इनकार दिया है। ठीक कुछ समय के बाद एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बाहुबली विधायक को खुला ऑफर दे दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) उत्तर प्रदेश की जिस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, वहां का टिकट वे उनकी पार्टी से ले सकते हैं।
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बता दें कि मुख्तार के बड़े भाई सपा में शामिल हो गए हैं। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्तार अंसारी सपा में शामिल हो सकते हैं। इससे पहले मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह ने भी सपा का दामन थामा था। सिबगतुल्लाह अंसारी 2007 में सपा और 2012 में कौमी एकता दल से गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा से विधायक रहे हैं। इसके बाद 2017 में बसपा से मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब सिबगतुल्लाह सपा में आ गए हैं।
बीएसपी सुप्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) ने ट्वीट कर लिखा कि बीएसपी 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) में प्रयास होगा कि किसी भी बाहुबली व माफिया को चुनाव न लड़ाया जाए। इसके मद्देनजर ही आजमगढ़ मण्डल की मऊ विधानसभा सीट से अब मुख्तार अंसारी का नहीं, बल्कि यूपी के बीएसपी स्टेट अध्यक्ष भीम राजभर (BSP state president Bhim Rajbhar) के नाम को फाइनल किया गया है। उन्होंने आगे लिखा कि जनता की कसौटी व उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत ही लिए गए। इस निर्णय के फलस्वरूप पार्टी प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें। ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो।
अपने आखिरी ट्वीट में मायावती (Mayawati)ने कहा कि बीएसपी का संकल्प ‘कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ ही यूपी की तस्वीर को भी अब बदल देने का है। ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ जैसी तथा बीएसपी जो कहती है। वह करके भी दिखाती है यही पार्टी की सही पहचान भी है।
इससे पहले, मायावती (Mayawati) ने प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित करते हुए कई वादे किए थे। कहा था कि 2022 विधानसभा चुनाव (2022 Assembly Elections) में यदि बीएसपी की सरकार बनती है। तो वह इस बार पहले की तरह स्मारक और पार्क नहीं बनवाएंगी, बल्कि जमकर विकास करवाएंगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई फिर भी दलित-पिछड़ों से अलग दूसरा समुदाय ऐसी कोई मांग करता है तो उसे देखा जाएगा। बीएसपी सुप्रीमो ने कहा था कि यदि कुछ धर्म-जाति के लोग चाहते हैं कि उनके संत, गुरुओं का आदर सम्मान करें तो ऐसा जरूर किया जाएगा।